जीतन राम मांझी के बयान पर रोहिणी आचार्या का पलटवार: “नालायक बेटा होटल में रंगरलियां मनाता है, उससे बड़ा नालायक उसका बाप है”

बिहार की सियासत में अब ज़ुबानी जंग और भी तीखी होती जा रही है। ‘लायक-नालायक’ की बहस में अब राष्ट्रीय जनता दल (RJD) सुप्रीमो लालू यादव की बेटी डॉ. रोहिणी आचार्या ने भी खुलकर एंट्री ले ली है। हम प्रमुख जीतन राम मांझी द्वारा किए गए तीखे ट्वीट का रोहिणी ने X पर जोरदार जवाब दिया ह....

जीतन राम मांझी के बयान पर रोहिणी आचार्या का पलटवार: “नालायक बेटा होटल में रंगरलियां मनाता है, उससे बड़ा नालायक उसका बाप है”

बिहार की सियासत में अब ज़ुबानी जंग और भी तीखी होती जा रही है। ‘लायक-नालायक’ की बहस में अब राष्ट्रीय जनता दल (RJD) सुप्रीमो लालू यादव की बेटी डॉ. रोहिणी आचार्या ने भी खुलकर एंट्री ले ली है। हम प्रमुख जीतन राम मांझी द्वारा किए गए तीखे ट्वीट का रोहिणी ने X पर जोरदार जवाब दिया है।

नालायक बेटा होटल में रंगरेलियां मनाते पकड़ा जाता है-रोहिणी

RJD नेता डॉ. रोहिणी आचार्या ने बिना नाम लिए लिखा है कि -"एक नालायक बेटा होटल में रंगरेलियां मनाते पकड़ा जाता है, मगर बेटे से भी बड़ा नालायक बाप अपने कुकर्मी औलाद को अपनी कुर्सी की धौंस दिखाकर बचाता है…"उन्होंने इसी पोस्ट में आगे लिखा है-"एक दफा एक नालायक दामाद अपने ससुर का पीए बन जाता है और ससुर के इशारे पर अधिकारियों को फोन लगाकर वसूली का फरमान जारी करता है।" हालांकि रोहिणी ने किसी का नाम नहीं लिया, लेकिन उनके पोस्ट को सीधा जवाब माना जा रहा है मांझी के उस ट्वीट का, जिसमें उन्होंने "लायक और नालायक बेटा-दामाद" की तुलना करते हुए तेजस्वी यादव पर निशाना साधा था। 

बेटे और दामाद दो तरह के होतें है-मांझी

बता दें कि हम पार्टी प्रमुख जीतन राम मांझी ने हाल ही में एक ट्वीट में RJD पर निशाना साधते हुए लिखा था -"“बेटे और दामाद दो तरह के होतें है। एक लायक, दूसरा नालायक। लायक बेटा अपने दम पर UNICEF में नौकरी करते हुए पढ़ाई करता है, UGC(NET) पास करके पीएचडी करता है फिर BPSC द्वारा आयोजित परीक्षा पास करके विश्वविद्यालय में शिक्षक बन जाता है। नालायक बेटा 10वीं पास भी नहीं कर पाता, पिता की कृपा से क्रिकेट खेलता है और जब वहां भी फेल कर जाता है तो वही पिता उस नालायक बेटे को राजनीति में उतार देतें हैं और जबरदस्ती उसे दल की कमान सौंप देतें हैं।

सांसद पत्नी का पर्स ढोए फिरता है-मांझी

उन्होंने इसी पोस्ट में आगे लिखा, “वैसे ही लायक दामाद अपने समाज का पहला इंजीनियर होता है और कई चुनाव लड़ने, समाजिक कार्य करने के बाद योग्यता के आधार पर उन्हें कोई ओहदा दिया जाता है। वहीं दूसरी ओर नालायक दामाद इंजिनियरिंग करने के बावजूद घर जमाई बनता है और रोजाना सास-ससुर-साले की गाली सुनने के बावजूद सांसद पत्नी का पर्स ढोए फिरता है।