जातिगत जनगणना पर तेजस्वी ने पीएम मोदी को लिखा पत्र, कहा- आंकड़ों के आधार पर आरक्षण और सरकारी योजनाओं की समीक्षा होनी चाहिए

केंद्र सरकार ने देश में जातिगत जनगणना कराने का फैसला किया है। इसके मद्देनजर पूर्व उपमुख्यमंत्री व राजद के नेता तेजस्वी यादव ने पीएम नरेंद्र मोदी को एक पत्र लिखा है। तेजस्वी यादव ने पीएम मोदी को पत्र लिखकर केंद्र सरकार के कराए जाने वाले जाति जनगणना फैसले का स्वागत किया है। तेजस्वी यादव ने अपने पत्र में पीएम मोदी को लिखा ..

जातिगत जनगणना पर तेजस्वी ने पीएम मोदी को लिखा पत्र, कहा- आंकड़ों के आधार पर आरक्षण और सरकारी योजनाओं की समीक्षा होनी चाहिए

केंद्र सरकार ने देश में जातिगत जनगणना कराने का फैसला किया है। इसके मद्देनजर पूर्व उपमुख्यमंत्री व राजद के नेता तेजस्वी यादव ने पीएम नरेंद्र मोदी को एक पत्र लिखा है। तेजस्वी यादव ने पीएम मोदी को पत्र लिखकर केंद्र सरकार के कराए जाने वाले जाति जनगणना फैसले का स्वागत किया है। तेजस्वी यादव ने अपने पत्र में पीएम मोदी को लिखा कि हाल ही में आपकी सरकार द्वारा देश में जाति जनगणना कराने की घोषणा ने नई आशा का संचार किया है। इसी आशा के साथ आपको यह पत्र लिख रहा हूं। बीते कई वर्षों से आपकी सरकार और एनडीए गठबंधन के दल जाति जनगणना को गैरजरूरी और विभाजनकारी बताकर नकारते रहे हैं।

संविधान और कानून में बदलाव की जरूरत -तेजस्वी

तेजस्वी ने कहा कि जाति के आधार पर इकट्ठा किए गए आंकड़े केवल नंबर नहीं हैं, बल्कि इन्हीं से नीतियां बनानी चाहिए। उन्होंने मांग की कि इन आंकड़ों के आधार पर आरक्षण और सरकारी योजनाओं की समीक्षा होनी चाहिए, ताकि जरूरतमंदों को उनकी आबादी के हिसाब से सही हक मिल सके। आगे तेजस्वी यादव ने कहा कि अब समय आ गया है कि चुनाव क्षेत्रों को फिर से इस तरह तय किया जाए कि ओबीसी और ईबीसी जैसी जातियों को सही राजनीतिक प्रतिनिधित्व मिले। उन्होंने यह भी कहा कि इसके लिए संविधान और कानून में बदलाव की जरूरत हो सकती है।

निजी कंपनियों की भूमिका पर भी उठाए सवाल 

आगे उन्होंने निजी कंपनियों की भूमिका पर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि जब ये कंपनियां सरकार से जमीन, बिजली और टैक्स में छूट लेती हैं। तो उन्हें देश की सामाजिक विविधता को अपने यहां नौकरी और नेतृत्व में जगह देनी चाहिए। सिर्फ सरकार पर बोझ डालना ठीक नहीं है। तेजस्वी ने सख्ती के साथ यह भी लिखा है कि अगर जाति जनगणना के आंकड़े सिर्फ फाइलों में बंद रह गए, तो यह मौका भी बाकी रिपोर्ट की तरह बर्बाद हो जाएगा। उन्होंने कहा कि लोगों को सिर्फ गिना नहीं जाना चाहिए, बल्कि उन्हें बराबरी और इज्जत भी मिलनी चाहिए।

केंद्र सरकार का साथ देने को तैयार-तेजस्वी

तेजस्वी यादव ने यह भरोसा दिलाया कि बिहार इस पूरे अभियान में केंद्र सरकार का साथ देने को तैयार है। बता दें कि 30 अप्रैल को मोदी कैबिनेट की बैठक में जाति जनगणना कराने का फैसला लिया गया था। इसके बाद बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने इसका श्रेय लालू यादव को दिया था।