जहानाबाद में ध्वस्त हुआ निर्माणाधीन पुल, 2 मजदूर PMCH रेफर, ग्रामीणों ने की जांच की मांग
बिहार में अलग-अलग जगहों से पुल और पुलिया के गिरने की घटना सामने आ चुकी है लेकिन इसके बावजूद प्रशासन और सरकार निर्माण कार्यों की गुणवत्ता सुनिश्चित करने को लेकर गंभीर नजर नहीं आ रहे हैं। इसी कड़ी में ताजा मामला जहानाबाद जिले के मोदनगंज प्रखंड के रतन बीघा गांव के पास का है, जहां एक निर्माणाधीन पुल पूरी तरह से टूटकर गिर गया। घटना के...

बिहार में अलग-अलग जगहों से पुल और पुलिया के गिरने की घटना सामने आ चुकी है लेकिन इसके बावजूद प्रशासन और सरकार निर्माण कार्यों की गुणवत्ता सुनिश्चित करने को लेकर गंभीर नजर नहीं आ रहे हैं। इसी कड़ी में ताजा मामला जहानाबाद जिले के मोदनगंज प्रखंड के रतन बीघा गांव के पास का है, जहां एक निर्माणाधीन पुल पूरी तरह से टूटकर गिर गया। घटना के बाद पूरे इलाके में अफरातफरी का माहौल हो गया और सूचना मिलते ही बड़ी संख्या में स्थानीय लोग वहां पहुंच गये। इस घटना में दो मजदूर गंभीर रूप से घायल हो गए। उनकी गंभीर स्थिति को देखते हुए उन्हें पटना के पीएमसीएच रैफर कर दिया गया।
इस घटना के बाद जांच की मांग
वहीं जिले के स्थानीय लोग और ग्रामीणों ने इस घटना के बाद जांच की मांग की है। घटना की सूचना मिलते ही स्थानीय पुलिस और प्रशासनिक अधिकारी मौके पर पहुंचे और हालातों का जायजा लिया। घटना के बाद स्थानीय लोगों ने यह आरोप लगाया है कि इस पुल के निर्माण में एकदम घटिया और खराब किस्म के सामानों का इस्तेमाल किया गया था, जिसके कारण इस प्रकार की घटना हुई और पुल पूरी तरह से टूटकर बिखर गया। बता दें कि जहानाबाद जिले में इस पुल का निर्माण भारतमाला प्रोजेक्ट के तहत किया जा रहा था।
देखते ही देखते ध्वस्त हो गया
इस पुल का नाम आमस-दरभंगा एक्सप्रेस-वे 119 डी है, जो बीते रविवार को देखते ही देखते ध्वस्त हो गया। भारतमाला प्रोजेक्ट भारत सरकार की एक योजना है, जिसके तहत देशभर में सड़कों का निर्माण किया जाता है।इस परियोजना की शुरुआत साल 2017 में हुई थी। आमस-दरभंगा एक्सप्रेस-वे बिहार का पहला एक्सप्रेस-वे है, जिसे केंद्र सरकार ने साल 2021 में हरी झंडी दिखाई थी। इस 189 किलोमीटर लंबे एक्सप्रेस-वे का निर्माण लगभग 6000 करोड़ की राशि से किया जा रहा है।