अगुवानी पुल का निर्माण कार्य जल्द होगा शुरू, मुख्य सचिव ने दी जानकारी,इस तकनीक से होगा निर्माण

भागलपुर में दो साल पहले गंगा नदी में समाए अगुवानी पुल पुल का निर्माण कार्य जल्द शुरू करने का फैसला लिया गया है। नई अपडेट के अनुसार मुख्य सचिव अमृत लाल मीणा की अध्यक्षता में सोमवार को बैठक में करीब दो साल से बंद पड़े सुल्तानगंज-अगुवानी घाट पुल का निर्माण कार्य फिर से शुरू करने का निर्णय लिया गया है।अमृत लाल मीणा ने बताया ....

अगुवानी पुल का निर्माण कार्य जल्द होगा शुरू, मुख्य सचिव ने दी जानकारी,इस तकनीक से होगा निर्माण

भागलपुर में दो साल पहले गंगा नदी में समाए अगुवानी पुल पुल का निर्माण कार्य जल्द शुरू करने का फैसला लिया गया है। नई अपडेट के अनुसार मुख्य सचिव अमृत लाल मीणा की अध्यक्षता में सोमवार को बैठक में करीब दो साल से बंद पड़े सुल्तानगंज-अगुवानी घाट पुल का निर्माण कार्य फिर से शुरू करने का निर्णय लिया गया है।अमृत लाल मीणा ने बताया कि सुल्तानगंज-अगुवानी घाट पुल का निर्माण कार्य अतिशीघ्र आरंभ होगा। अमृत लाल मीणा की अध्यक्षता में हुई अंतर्विभागीय बैठक में इस आशय का फैसला लिया गया। 

 मुख्य सचिव की अध्यक्षता में बैठक

पटना हाइकोर्ट के निर्देश के अनुसार मुख्य सचिव की अध्यक्षता में बैठक हुई। बैठक में क्षतिग्रस्त पुल का निर्माण कम्पोजिट स्टील बीम के साथ कंक्रीट केबल तरीके से बनाने का निर्णय लिया गया। हाइकोर्ट ने 14 सितंबर, 2023 को इस संबंध में आदेश परित किया था। इसके साथ ही पथ निर्माण विभाग या फिर बिहार राज्य पुल निर्माण निगम द्वारा योजना के क्रियान्वयन से संबद्ध जिस इंजीनियर या संवेदक की लापरवाही सामने आएगी, उन पर अग्रेतर कार्रवाई की जाएगी।

समय-समय पर यह टीम स्थल निरीक्षण भी करेगी

वहीं निर्माण की गुणवत्ता को बनाए रखने के लिए बिहार राज्य पुल निर्माण निगम द्वारा एक परियोजना क्रियान्वयन इकाई का गठन किया जाएगा। इसमें अनुभवी स्ट्रक्चरल इंजीनियरों को प्रतिनियुक्त किया जाएगा। इसके अतिरिक्त प्रतिष्ठित तकनीकी संस्थान के विशेषज्ञों की टीम भी सहयोग करेगी। समय-समय पर यह टीम स्थल निरीक्षण भी करेगी।

नेताओं ने एक दूसरे पर सवाल खड़े किए थे

बता दें कि 4 जून 2023 को सुल्तानगंज से खगड़िया के अगुवानी गंगा घाट पर निर्माणाधीन पुल के पिलर नंबर 10, 11 और 12 अचानक गिरकर नदी में बह गए थे। पुल गिरने की घटना बिहार में सियासी बवाल खड़ा कर दिया था। पक्ष-विपक्ष के नेताओं ने एक दूसरे पर सवाल खड़े किए थे। जिसके बाद बिहार सरकार ने नए सिरे से पुल निर्माण कराने की घोषणा की थी। लेकिन दो साल में अभी तक इस पर काम शुरू नहीं हो सका था।