नीतीश कैबिनेट की बैठक में 43 प्रस्तावों को मिली मंजूरी, बिहार में पहली बार बिहार युवा आयोग का गठन

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में मंगलवार को हुई कैबिनेट बैठक समाप्त हो गई है। इस बैठक में कुल 43 एजेंडों पर मुहर लगी है। सबसे बड़ा फैसला बिहार में पहली बार "बिहार युवा आयोग" के गठन को लेकर लिया गया है। चुनावी वर्ष में यह फैसला युवाओं को साधने के तौर पर देखा जा रहा है।इससे पहले 1 जुलाई को हुई बैठक में 24 प्रस्ताव पास किए गए थे। ताजा बैठक में एक और बड़ा ऐलान किया गया, जिसके तहत सीतामढ़ी के पुनौराधाम को अयोध्या की तर्ज पर..

नीतीश कैबिनेट की बैठक में 43 प्रस्तावों को मिली मंजूरी, बिहार में पहली बार बिहार युवा आयोग का गठन
CM NITISH

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में मंगलवार को हुई बिहार कैबिनेट की अहम बैठक में 43 एजेंडों पर मुहर लगी। बैठक में युवाओं, महिलाओं और दिव्यांगों से जुड़ी कई बड़ी घोषणाएं की गईं, जिनका असर आने वाले विधानसभा चुनाव पर भी दिख सकता है।अब बिहार की निवासी महिलाओं को ही सरकारी नौकरी में 35% आरक्षण का लाभ मिलेगा। इससे पहले यह आरक्षण बाहरी राज्यों की महिलाओं को भी मिलता था, लेकिन अब उन्हें सामान्य कोटे (जेनरल) में रखा जाएगा। यह फैसला स्थानीय महिला उम्मीदवारों को अधिक अवसर देने के उद्देश्य से लिया गया है।

पहली बार बनेगा बिहार युवा आयोग
बैठक में यह भी तय किया गया कि बिहार में पहली बार "बिहार युवा आयोग" का गठन किया जाएगा। यह आयोग युवाओं से जुड़े मुद्दों को उठाएगा और उनके विकास व सशक्तिकरण से संबंधित योजनाओं पर कार्य करेगा। यह कदम ऐसे समय में लिया गया है जब नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने भी अपने चुनावी वादों में युवा आयोग का गठन शामिल किया था।

बैठक में 24 एजेंडों पर मुहर लगी थी
वहीं बिहार सरकार ने एक नई योजना शुरू की है, जिसका नाम दिव्यांगजन सिविल सेवा प्रोत्साहन योजना है। इसका लाभ दिव्यांग पुरुष अभ्यर्थी पिछड़ा वर्ग, सामान्य वर्ग या आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (EWS) अभ्यर्थियों को मिलेगा। हालांकि ये सुनिश्चित करना होगा कि उन्हें राज्य की किसी दूसरी सिविल सेवा तैयारी योजना से कोई आर्थिक मदद नहीं मिल रही है। ऐसे में BPSC या UPSC की प्रारंभिक परीक्षा पास कर लेते हैं, तो उन्हें मुख्य परीक्षा की तैयारी के लिए 50 हजार रुपए और इंटरव्यू की तैयारी के लिए 1 लाख रुपए की सहायता राशि दी जाएगी।यह योजना दिव्यांगों को सिविल सेवा में सफलता पाने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए शुरू की गई है।बता दें कि इससे पहले 1 जुलाई को कैबिनेट की बैठक में 24 एजेंडों पर मुहर लगी थी।