कतर में 8 भारतीय नौ-सैनिकों को सज़ा-ए-मौत, सदमे में परिवार
DESK : भारत के नौसेना के 8 पूर्व नौ-सैनिकों को कतार में मौत की सजा सुनाए जाने की खबर ने पूरे देश में सनसनी फैला दी है. एक साल से ये लोग कतर की कैद में है और गुरुवार 26 अक्टूबर 2023 को वहां की कोर्ट ने उन 8 भारतीय नौ-सैनिकों सज़ा-ए-मौत का फरमान सुना दिया है. इन पर आरोप है कि, ये लोग कतार में जासूसी करते हुए पाये गये है. अब भारत सरकार के लिए यह एक बड़ी चुनौती है कि, वह किस तरीके से इन 8 भारतीयों को फांसी के फंदे से लटकने से बचा सके.
कतर की कोर्ट के फैसले पर भारतीय विदेश मंत्रालय हैरान है और कहा की भारतीयों को फांसी के फंदे से बचने के लिए कानूनी रास्ते तलाशे जा रहे हैं. कानून के जानकर की माने तो सरकार के पास अभी भी कई रास्ते हैं. जिसके जरिए वह अपने नागरिकों को सजा से बचा सकती है. जिन 8 भारतीयों को फांसी की सजा सुनाई गई है. उनमें इंडियन नेवी के ऐसे अधिकारी भी शामिल है. जो युद्धपोतों को भी कमान कर चुके हैं. प्राप्त जानकारी के अनुसार ये अल दहरा ग्लोबल टेक्नोलॉजीस कंसलटेंसी सर्विसेज नाम की एक प्राइवेट कंपनी के लिए काम कर रहे थे. ये कंपनी कतर की सेना को ट्रेनिंग और संबंधित सेवाएं देती हैं. जिन भारतीयों को फांसी की सजा सुनाई गई है. उनकी जमानत याचिका कई बार खारिज की जा चुकी है और उनका डिटेंशन भी बढ़ाया गया है. अब कतर की कोर्ट ने इन्हें फांसी की सजा सुनाई है.
इंडियन नेवी के जिन 8 पूर्व अधिकारियों को सजा सुनाई गई है उनके नाम है - कैप्टन नवतेज सिंह गिल, कैप्टन बीरेंद्र कुमार वर्मा, कैप्टन सौरभ वशिष्ठ, कमांडर अमित नागपाल, कमांडर पूर्णेंदु तिवारी, कमांडर सुगुनाकर पकाला, कमांडर संजीव गुप्ता, सेलर रागेश ये सभी डिफेंस सर्विस देने वाली एक कंपनी अल दहरा ग्लोबल टेक्नोलॉजीस कंसलटेंसी सर्विसेज में काम कर रहे थे. हमें यह सूचना मिली है कि, कतर के कोर्ट ने प्रथमदृष्टया अल दहरा कंपनी में कार्यरत आठ भारतीयों को फांसी की सजा सुनाई है. फांसी की सजा सुनाए जाने को लेकर हम स्तब्ध हैं और विस्तृत आदेश का इंतजार कर रहे हैं. हम इन लोगों के स्वजन और कानूनी टीम के साथ संपर्क में हैं. हम इस मामले को बहुत ही गंभीरता से ले रहे हैं. हम इन लोगों को सभी तरह की राजनयिक और कानूनी मदद देने को तैयार हैं. हम कतर के अधिकारियों के साथ भी इस मुद्दे को उठाएंगे.
REPORT – KUMAR DEVANSHU