अठारह महीने से जेल में बंद बिहार का विपिन बना BPSC टीचर,हथकड़ी लगे हाथ से मंच पर लिया नियुक्ति पत्र
किसी कैदी को हथकड़ी पहने मंच पर नियुक्ति पत्र लेते हुए शायद ही पहले कभी किसी ने देखा हो। सच कहा गया है कि सपने चार दिवारी के मोहताज नहीं होते। दिल में आगे बढ़ने की ललक और कुछ अलग करने का जज्बा हो तो अंधेरे भी उजाले में बदल जाते हैं । बिहार के गया से एक अनोखा मामला सामने आया है। जहां 18 महीने से जेल में बंद एक कैदी को शिक्षक की नौकरी का नियुक्ति पत्र सौंपा गया।

किसी कैदी को हथकड़ी पहने मंच पर नियुक्ति पत्र लेते हुए शायद ही पहले कभी किसी ने देखा हो। सच कहा गया है कि सपने चार दिवारी के मोहताज नहीं होते। दिल में आगे बढ़ने की ललक और कुछ अलग करने का जज्बा हो तो अंधेरे भी उजाले में बदल जाते हैं । दरअसल बिहार के गया से एक अनोखा मामला सामने आया है। जहां 18 महीने से जेल में बंद एक कैदी को शिक्षक की नौकरी का नियुक्ति पत्र सौंपा गया। गया के मोहनपुर प्रखंड के ऐरकी गांव के रहने वाले विपिन कुमार नाम के इस कैदी को TRE-3 परीक्षा पास करने के बाद नियुक्ति पत्र मिला।
विपिन कुमार को बेऊर जेल से कड़ी सुरक्षा में लाया गया था
बता दें कि TRE-3 परीक्षा पास कर चुके विपिन कुमार को शनिवार को बोधगया के महाबोधि सांस्कृतिक केंद्र में आयोजित कार्यक्रम में बिहार सरकार के मंत्री और गया जिला प्रभारी नीतीश मिश्रा ने नियुक्ति पत्र दिया। विपिन कुमार को बेऊर जेल से कड़ी सुरक्षा में लाया गया था। जब उनका नाम मंच से पुकारा गया, तो वह हथकड़ी पहने हुए मंच पर पहुंचे। वहां मौजूद लोगों के लिए यह नजारा चौंकाने वाला था, क्योंकि ऐसा पहली बार हुआ जब कोई कैदी जेल में रहते हुए शिक्षक बना और हथकड़ी में ही नियुक्ति पत्र प्राप्त किया हो।
एक निजी कोचिंग संस्थान में पढ़ाता थे
बता दें कि विपिन कुमार साल 2023 में पटना के सगुना मोड़ स्थित एक निजी कोचिंग संस्थान में पढ़ाता थे । उनके खिलाफ पोक्सो एक्ट के तहत मामला दर्ज है, लेकिन अभी तक आरोप तय नहीं हुए हैं। विपिन का दावा है कि पड़ोस के एक कोचिंग संस्थान ने साजिश के तहत उसे फंसाया। नियुक्ति पत्र मिलने के बाद थाना लाए गए विपिन ने मीडिया से कहा, “मैं शिक्षक बनकर समाज की सेवा करना चाहता हूं। जेल से बाहर आते ही बच्चों को शिक्षित करने में अपनी पूरी ताकत झोंक दूंगा। सच जल्द ही सामने आएगा।”