ट्रैक्टर से बालू गिराओ ट्रक से उठाओ.. कहानी गोड्डा के बालू माफियाओ की
GODDA : झारखंड के गोड्डा में इन दोनों बालू माफिया काफी सक्रिय हो गए हैं. रात के अंधेरे में ट्रैक्टर से बालू की ढुलाई करते हैं और एक जगह एकत्रित करके. ट्रकों से इसका ढुलाई करते हैं. पुलिस प्रशासन के नाक के नीचे बालू का अवैध कारोबार धड़ल्ले से चल रहा है. इन बालू माफिया को रोक पाने में गोड्डा की पुलिस नाकाम साबित हो रही है.
देसवा ट्रांसपोर्ट न्यूज़ के पास एक वीडियो सामने आया है. जो वीडियो झारखंड के गोड्डा का बताया जा रहा है. वीडियो में साफतौर पर देखा जा सकता है कि, रात के अंधेरे में ट्रैक्टर से बालू की ढुलाई की जा रही है. बताया जा रहा है कि, रात भर गोड्डा पुलिस के नाक के नीचे अवैध तरीके से बालू का ढुलाई की जा रही है और इसको रोकने-टोकने वाला कोई नहीं है. झारखंड का दुमका, साहेबगंज, गोड्डा और पाकुड़ इन इलाकों में झारखंड की प्राकृतिक संपदा को वहां के बालू माफिया लूटने का काम कर रहे है.
झारखंड के बालू व्यापारी संघ की मांग थी कि, झारखंड में करीब 444 घाटों से बालू उठाव हो रहा है. उसके बावजूद भी सरकार के द्वारा महज 23 घाटों से ही बालू उठाने का टेंडर जारी किया गया है. आपको बता दे, झारखंड के सभी बालू घाटों से बालू उठाव का टेंडर नहीं किए जाने के लिए अदालत ने प्राथियों को नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT) के पास आवेदन देने की छूट देते हुए याचिका निष्पादित कर दी. चीफ जस्टिस एमएस रामचंद्र राव और जस्टिस दीपक रोशन की अदालत ने बालू व्यवसाय संघ की जनहित याचिका पर यह निर्देश दिया. प्राथियों की ओर से अदालत को बताया गया कि, राज्य में 444 बालू घाट से बालू उठाव होता है लेकिन सरकार ने सिर्फ 23 घाट से ही बालू उठाने का टेंडर जारी किया है. अदालत से आग्रह किया गया कि, सभी घाटों से बालू के उठाव करने के लिए सरकार को प्रक्रिया शुरू करने का निर्देश दिया जाए.
सरकार की ओर से बताया गया कि, एनजीटी के प्रावधान के अनुसार फिलहाल, 23 घाटों से ही बालू की निविदा की जा सकती है. इसे आगे बढ़ाने के लिए सरकार कदम उठा रही है. शीघ्र ही इसे बढ़ाया जाएगा. सुनवाई के बाद अदालत ने कहा कि, वह इस मामले में एनजीटी के पास आवेदन दे एनजीटी ही इस मामले की सुनवाई करेगा. इसके साथ ही अदालत में याचिका निष्पादित कर दी.
देसवा ट्रांसपोर्ट न्यूज़ झारखंड के वरीय अधिकारियों से आग्रह करता है कि, आप भी इस मामले को संज्ञान में ले और सच में अगर ऐसा लगता है कि, बालू घाटों के टेंडर की संख्या बढ़ाने की जरूरत है तो उस पर जरूर गौर करना चाहिए, नहीं तो यह बालू माफिया ऐसे ही अवैध तरीके से बालू का उठाव और परिचालन करते रहेंगे. जिससे कि झारखंड के राजस्व की चोरी लगातार होती रहेगी.
REPORT- KUMAR DEVANSHU