हेमंत सोरेन बने झारखंड मुक्ति मोर्चा के अध्यक्ष, शिबू सोरेन को जेएमएम का संस्थापक संरक्षक बनाया गया
झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के 13वें केंद्रीय महाधिवेशन के दूसरे दिन मंगलवार को पार्टी सुप्रीमो शिबू सोरेन को जेएमएम का संस्थापक संरक्षक बनाया गया। वहीं, कार्यकारी अध्यक्ष का पद संभाल रहे हेमंत सोरेन अध्यक्ष बनाए गए। रांची के खेलगांव में आयोजित झारखंड मुक्ति मोर्चा का 13वां केंद्रीय महाधिवेशन इसी के साथ संपन्न हो..

झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के 13वें केंद्रीय महाधिवेशन के दूसरे दिन मंगलवार को पार्टी सुप्रीमो शिबू सोरेन को जेएमएम का संस्थापक संरक्षक बनाया गया। वहीं, कार्यकारी अध्यक्ष का पद संभाल रहे हेमंत सोरेन अध्यक्ष बनाए गए। रांची के खेलगांव में आयोजित झारखंड मुक्ति मोर्चा का 13वां केंद्रीय महाधिवेशन इसी के साथ संपन्न हो गया। दरअसल स्वास्थ्य कारणों से गुरुजी की एक्टिविटी बहुत सीमित हो गयी थी। इस स्थिति में पहले भी कार्यकारी अध्यक्ष के रूप में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ही झामुमो के संगठनात्मक मामलों में निर्णय ले रहे थे। अब हेमंत सोरेन पार्टी संविधान के अनुसार आधिकारिक रूप से निर्णय ले सकेंगे।
स्वागत भाषण देते हुए सीएम हेमंत सोरेन ने कहा..
स्वागत भाषण देते हुए सीएम हेमंत सोरेन ने कहा कि झामुमो आंदोलन से उपजी हुई पार्टी है। झारखंड को बिहार से अलग करने के लिए झामुमो का गठन किया गया था। गुरुजी (शिबू सोरेन) के नेतृत्व में जब आंदोलन की रूपरेखा तैयार हो रही थी, तब झारखंड के विभिन्न इलाकों से लोग आंदोलन को समर्थन देने आते थे।बता दें कि शिबू सोरेन खराब स्वास्थ्य के बावजूद कार्यक्रम में पहुंचे।
16 सूत्री राजनीतिक प्रस्ताव पारित किए गए
बता दें कि महाधिवेशन के पहले दिन सोमवार को 16 सूत्री राजनीतिक प्रस्ताव पारित किए गए थे। झारखंड मुक्ति मोर्चा के वरिष्ठ विधायक स्टीफन मरांडी की ओर से पेश राजनीतिक प्रस्ताव में पार्टी ने केंद्र सरकार की नीतियों के खिलाफ जमकर हल्ला बोला था। इसमें रोजगार और जमीन वापसी के मुद्दे पर राज्य की हेमंत सोरेन सरकार से मांग रखी गयी थी।
100 प्रतिशत आरक्षण देने की मांग
झारखंड मुक्ति मोर्चा के केंद्रीय अधिवेशन के पहले दिन पारित राजनीतिक प्रस्ताव में कहा गया है कि अल्पसंख्यक, एसटी और एससी के प्रतिनिधित्व पर हमला कर उनके अधिकारों में कटौती की जा रही है। परिसीमन संविधान के अनुच्छेद 80-81 के खिलाफ है। इसमें लोकसभा और राज्यसभा की संख्या निश्चित की गयी है। झामुमो ने खतियान आधारित पहचान को स्थानीय पहचान प्रदान करते हुए जिला संवर्ग में तृतीय और चतुर्थ वर्ग की नियुक्तियों को 100 प्रतिशत आरक्षण देने की मांग रखी है।