भाजपा के लिए मुंगेर की सीट नाक की लड़ाई हो गई है, समझते है मुंगेर सीट का चुनावी गुणा-गणित
पटना डेस्क : बिहार में 2024 में लोकसभा इलेक्शन होने वाला है. सभी पार्टी अपने पूरे दमखम के साथ इलेक्शन की तैयारी में जुट गए हैं. बयानबाजी का दौर शुरू हो चुका है. रैलियां होने लगी, सभाएं लगने लगे हैं. अमित शाह बार-बार बिहार आकर यह सब को समझाना चाह रहे हैं कि, बिहार लोकसभा चुनाव के लिए कितना जरूरी है.
बीजेपी के लिए मुंगेर की सीट हमेशा ही उनके लिए जरूरी रहा है. मुंगेर लोकसभा सीट के लिए भाजपा अपनी पूरी ताकत झोंक रही है. इस सीट के जीतने और वहां के बैकग्राउंड को समझने के लिए आपको पिछले कुछ सालों का समीकरण समझना होगा. भाजपा ने कभी भी यहां अपने उम्मीदवार को नहीं उतारा है. वह अपने सहयोगी के भरोसे ही यहां इलेक्शन लड़ी है.
2009 में मुंगेर लोकसभा सीट जदयू के खाते में गई थी उम्मीदवार थे, जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह. उस समय बीजेपी और जेडीयू का गठबंधन था. कहा जाता है यही वजह था कि, ललन सिंह वहां से जीत कर आए. बाद में जदयू से मनमुटाव हो गया तो भाजपा ने 2014 में एलजेपी के साथ गठबंधन कर. वहां बिना देवी को उम्मीदवार बनाया. जिन्होंने ललन सिंह को हराया. फिर 2019 में जदयू और भाजपा एक साथ मिलकर लोकसभा चुनाव लड़ा. जिसका नतीजा ये हुआ कि, मुंगेर के सांसद के रूप में ललन सिंह ने कमबैक किया. लेकिन इस बार जेडीयू भाजपा के साथ नहीं है, तो लोकसभा चुनाव 2024 में मुंगेर लोकसभा सीट की लड़ाई दिलचस्प हो गई है. यह तो बाद में तय होगा कि, इस सीट पर भाजपा खुद अपना उम्मीदवार उतारेगी या फिर किसी सहयोगी के भरोसे रहेगी. लेकिन अभी से इस पर भाजपा अपने पक्ष में माहौल बनाने की तैयारी में लग गई है.
रिपोर्ट : कुमार कौशिक