अब आंगनबाड़ी के बच्चों को भी पढ़ाएंगे सरकारी स्कूल के टीचर - के.के. पाठक ने दिया निर्देश

अब आंगनबाड़ी के बच्चों को भी पढ़ाएंगे सरकारी स्कूल के टीचर - के.के. पाठक ने दिया निर्देश

पटना डेस्क : आजकल बिहार में शिक्षा विभाग में बहुत अच्छा काम हो रहा है. शिक्षा विभाग की कमान जब से के.के. पाठक ने संभाला तब से विभाग का कायाकल्प ही बदल गया है. क्योंकि पहले शिक्षकों के लिए कहा जाता था कि, 12 बजे लेट नहीं. 2 बजे के बाद भेंट नहीं. इसी तर्ज पर शिक्षा विभाग चल रहा था. लेकिन के.के. पाठक के कमान संभालते ही सब कुछ बदल गया. अवर मुख्य सचिव के के पाठक ने पिछले दो महीने में शायद ही कोई ऐसा दिन गुजरा होगा. जिस दिन कोई न कोई नया फरमान नहीं जारी किये होंगे. इसी का नतीजा है कि, शिक्षा विभाग दुरुस्त हो गया है. 

मुख्य सचिव के के पाठक ने एक बार फिर से एक नया नियम जारी किया है. इस नियम के अनुसार अब राज्य के सरकारी टीचर जरूरत पड़ने पर आंगनबाड़ी के बच्चों को भी पढ़ाते हुए नजर आएंगे. इस नियम को लागू करवाने को लेकर शिक्षा विभाग के अवर मुख्य सचिव के के पाठक ने जिला शिक्षा पदाधिकारियों को पत्र जारी किया है. के के पाठक ने एक लेटर जारी करते हुए कहा है कि, राज्य के सभी आंगनबाड़ी केंद्रों को नजदीक के स्कूल से शीघ्र टैग करें आवश्यकतानुसार स्कूल के शिक्षक टैग वाले केंद्रों के बच्चों को भी सप्ताह में एक-दो दिन पढ़ाएंगे. पाठक ने अधिकारियों को इस कार्य को जल्द पूरा करने को कहा है. पाठक ने यह भी निर्देश दिया है कि, आंगनबाड़ी केंद्रों को स्कूल में ही जरूरत के अनुसार एक या दो कमरे दिए जाएं खासकर उन केंद्रों को जो किराये के भवन में चल रहे हैं. पाठक ने अपने आदेश में  कहा है कि, आंगनबाड़ी केंद्रों को प्राइमरी और मिडिल स्कूल में जगह दी जाएगी.

 

के के पाठक ने यह निर्देश दिया है कि, अब जिन जगहों पर जरूरत नजर आएगी. वहां सरकारी स्कूल के टीचर भी आंगनबाड़ी केंद्र पर पढ़ाते हुए नजर आएंगे. फिलहाल, आंगनबड़ी केंद्रों में पढ़ने वाले बच्चे पहली कक्षा से स्कूल में जाते हैं और उन्हें एक अनजान टीचर से मिलना होता है. ऐसे में अगर छोटे बच्चे पहले से ही स्कूल में जाते रहेंगे और सरकारी टीचर से पढ़ते रहेंगे तो उन्हें एक बेहतर माहौल मिलेगा.

रिपोर्ट : कुमार कौशिक