एक तरफ उठा जनाजा...दूसरी तरफ पढ़ा गया निकाह, शादी वाले दिन दूल्हे के भाई समेत 3 की हुई थी दर्दनाक मौत
पटना जिले के मोकामा प्रखंड के दरियापुर गांव में सोमवार को एक बड़ा हादसा हुआ है। शादी की बज रही शहनाई अचानक मातम में बदल गई। जहां एक ओर घर शादी की खुशियों से जगमगाने वाला था। वहीं दूसरी ओर तीन युवाओं की गंगा में डूबकर मौत ने पूरे गांव को सदमे में डाल दिया। शादी वाले घर में अचानक मातम फैल गया। मंगलवार को तीनों शवों को सुपुर्दे खाक किया गया। इसके बाद मंगलवार..

पटना जिले के मोकामा प्रखंड के दरियापुर गांव में सोमवार को एक बड़ा हादसा हुआ है। शादी की बज रही शहनाई अचानक मातम में बदल गई। जहां एक ओर घर शादी की खुशियों से जगमगाने वाला था। वहीं दूसरी ओर तीन युवाओं की गंगा में डूबकर मौत ने पूरे गांव को सदमे में डाल दिया। शादी वाले घर में अचानक मातम फैल गया। मंगलवार को तीनों शवों को सुपुर्दे खाक किया गया। इसके बाद मंगलवार रात को ही दूल्हा अपने परिवार के 4 लोगों के साथ बेगूसराय पहुंचा और निकाह की रस्म पूरी की।
तीन युवाओं की गंगा में डूबकर मौत
जानकारी के लिए बता दें कि पटना से सटे मोकामा में 7 अप्रैल को दरियापुर गांव में मो.रज्जी की शादी थी। शादी वाले दिन ही दूल्हे के भाई सहित 3 लोगों की गंगा में नहाने के दौरान डूबने से मौत हो गई। मृतकों की पहचान मो. मेराज, मो. इब्राहिम और मो. अमीर के रूप में हुई है। मो. मेराज (20) और मो. इब्राहिम (19) दोनों पड़ोसी थे। जबकि, मो. आमिर (18) का घर थोड़ी दूरी पर गांव में ही है। मेराज अपने दोस्त की शादी में शामिल होने के लिए दिल्ली से आया था।
अंतिम संस्कार के बाद निकाह पढ़ा गया
बता दें कि मृतक इब्राहिम के ममेरे भाई मोहम्मद रज्जी की बारात सोमवार शाम को बेगूसराय के डुमरी गांव जाने वाली थी। सभी तैयारियां पूरी हो चुकी थीं।तीनों मौतों के कारण बारात रोक दी गई। उनके अंतिम संस्कार के बाद निकाह पढ़ा गया। अब दुल्हन की विदाई कुछ महीने बाद होगी।लड़के के घर वालों का कहना है कि इस माहौल में लड़की को घर नहीं लाया जा सकता। लड़की अभी अपने घर पर ही रहेगी। हालात ठीक होने पर लड़की को यहां लाया जाएगा।
नदी में बालू की अवैध कटाई
वहीं ग्रामीणों के अनुसार यह हादसा नदी में बालू की अवैध कटाई के कारण हुआ है।हादसे के बाद लोकल गोताखोरों ने तीनों युवकों की लाश बरामद की।इस हादसे से दरियापुर गांव मातम मे तब्दील हो गया। इसके पहले भी अवैध कटाई के कारण पिछले एक साल में कई लोगों की डूबने से मौत हो चुकी है। परिजनों ने प्रशासन से गंगा किनारे सुरक्षा के कड़े इंतजाम और चेतावनी बोर्ड लगाने की मांग की है, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं से बचा जा सके।