राजधानी पटना में विधायकों के लिए जून तक तैयार होंगे 158 शानदार आवास, शून्य डिस्चार्ज और वर्षा जल संचयन जैसी सुविधाएं

पटना में विधायकों और विधान पार्षदों के लिए बंगलानुमा आवास का निर्माण कराया जा रहा है। राजधानी पटना में जनप्रतिनिधियों के लिए बन रहे भव्य और अत्याधुनिक बंगलों का निर्माण कार्य तेजी से अंतिम चरण की ओर बढ़ रहा है। भवन निर्माण विभाग द्वारा 44.41 एकड़ में फैले इस विशाल आवासन परिसर में कुल 246 बंगलों का निर्माण किया जा रहा है। जिनमें...

राजधानी पटना में विधायकों के लिए जून तक तैयार होंगे 158 शानदार आवास, शून्य डिस्चार्ज और वर्षा जल संचयन जैसी सुविधाएं

पटना में विधायकों और विधान पार्षदों के लिए बंगलानुमा आवास का निर्माण कराया जा रहा है। राजधानी पटना में जनप्रतिनिधियों के लिए बन रहे भव्य और अत्याधुनिक बंगलों का निर्माण कार्य तेजी से अंतिम चरण की ओर बढ़ रहा है। भवन निर्माण विभाग द्वारा 44.41 एकड़ में फैले इस विशाल आवासन परिसर में कुल 246 बंगलों का निर्माण किया जा रहा है। जिनमें से 158 बंगले जून तक पूरी तरह तैयार हो जाएंगे।प्रत्येक बंगले का निर्मित क्षेत्रफल 3693 वर्गफीट है, जिससे विधायकों और विधान पार्षदों को पर्याप्त और आधुनिक सुविधाओं से युक्त आवास मिल सकेगा।

अन्य आवश्यक सुविधाएं भी विकसित की जा रही हैं

आवासीय परिसर में सिर्फ बंगले ही नहीं, बल्कि विधायकों के लिए एक एमएलए हॉस्टल, कैंटिन, कम्युनिटी सेंटर और अन्य आवश्यक सुविधाएं भी विकसित की जा रही हैं। परियोजना पूरी होने के बाद विधायकों को विधानसभा वार आवासन की सुविधा मिलेगी, जिससे उन्हें कार्य संचालन में अधिक सुविधा और सुगमता मिलेगी।

तीन चरणों में निर्माण कार्य किया जा रहा है

बता दें कि इस परियोजना के तहत तीन चरणों में निर्माण कार्य किया जा रहा है। पहले चरण में 65 बंगले और दूसरे चरण में 23 बंगले पहले ही तैयार कर लिए गए हैं। अब तीसरे और सबसे बड़े चरण में 158 बंगलों का निर्माण लगभग पूरा हो चुका है, जिनमें फिनिशिंग और साफ-सफाई का कार्य चल रहा है। विभाग के सचिव कुमार रवि ने जानकारी दी कि निर्माण स्थल का लगातार निरीक्षण किया जा रहा है ताकि कार्यों में और तेजी लाई जा सके।

जीरो डिस्चार्ज नीति को अपनाया गया

इस आधुनिक परियोजना को पूरी तरह पर्यावरण अनुकूल और टिकाऊ बनाने के लिए जीरो डिस्चार्ज नीति को अपनाया गया है। परिसर में बनने वाली सीवरेज को ट्रीटमेंट के बाद बागवानी के लिए पुनः उपयोग में लाया जाएगा। साथ ही वर्षा जल संचयन की भी प्रभावी व्यवस्था की गई है, जिससे जल संरक्षण को बढ़ावा मिलेगा। ऊर्जा की बचत के लिए पूरे परिसर में एलईडी स्ट्रीट लाइट्स लगाई जा रही हैं।