पॉक्सो एक्ट में पटना हाईकोर्ट का बड़ा फैसला,नाबालिग से रेप मामले में पूर्व विधायक राजवल्लभ यादव को मिली राहत
बिहार की राजधानी पटना से आज एक बड़ा न्यायिक फैसला सामने आया है। दरअसल पटना हाईकोर्ट ने पॉक्सो मामले में उम्रकैद की सजा काट रहे राजद के पूर्व विधायक राजवल्लभ यादव समेत सभी अभियुक्तों की अपीलों को स्वीकार करते हुए उन्हें सभी आरोपों से बरी कर दिया है। नवादा कोर्ट ने 15 दिसंबर 2018 को राजद के निलंबित विधायक राजवल्लभ यादव को उम्रकैद की सजा सुनाने के साथ ही पचास हजार रुपए का जुर्माना भी भरने का आदेश दिया था। नि....

बिहार की राजधानी पटना से आज एक बड़ा न्यायिक फैसला सामने आया है। दरअसल पटना हाईकोर्ट ने पॉक्सो मामले में उम्रकैद की सजा काट रहे राजद के पूर्व विधायक राजवल्लभ यादव समेत सभी अभियुक्तों की अपीलों को स्वीकार करते हुए उन्हें सभी आरोपों से बरी कर दिया है। वर्षों से चल रहे इस संवेदनशील और चर्चित मामले में न्यायालय ने कहा कि अभियोजन पक्ष पीड़िता के आरोपों को साबित करने में विफल रहा, जिससे आरोपी को संदेह का लाभ देते हुए बरी किया जाता है।
7 मई 2025 को निर्णय सुरक्षित रखा था
बता दें कि इस मामले के पांच अन्य दोषियों की अपील पर सुनवाई पूरी कर 7 मई 2025 को निर्णय सुरक्षित रखा था। जस्टिस मोहित कुमार शाह की खंडपीठ ने राजवल्लभ यादव, सुलेखा देवी, राधा देवी, संदीप सुमन, टूसी देवी और छोटी देवी की अपीलों पर सुनवाई की थी।गौरतलब हो कि इस मामले में राजवल्लभ यादव, सुलेखा देवी और राधा देवी को उम्रकैद की सजा मिली थी, जबकि शेष तीन अपीलार्थियों को 10 वर्षों की सजा निचली अदालत से मिली थी।
जानकारी के लिए बता दें कि कोर्ट ने पीड़िता का पक्ष प्रस्तुत करने के लिए अधिवक्ता अनुकृति जयपुरियार को एमिकस क्यूरी नियुक्त किया था। पीड़िता की ओर से उन्होंने पक्ष प्रस्तुत किया।वहीं उम्रकैद के सजायाफ़्ता अपीलार्थियों की ओर से वरीय अधिवक्ता सुरेन्द्र सिंह ने पक्षों को कोर्ट के समक्ष प्रस्तुत किया था।
उम्रकैद की सजा
गौरतलब हो कि नवादा कोर्ट ने 15 दिसंबर 2018 को राजद के निलंबित विधायक राजवल्लभ यादव को उम्रकैद की सजा सुनाने के साथ ही पचास हजार रुपए का जुर्माना भी भरने का आदेश दिया था। निलंबित विधायक राजवल्लभ यादव को अपने बिहारशरीफ स्थित आवास पर 6 फरवरी 2016 को नाबालिग लड़की के साथ बलात्कार करने के आरोप में नवादा कोर्ट ने सजा सुनाई थी। स्पेशल एमएलए/एमपी कोर्ट के जज परशुराम यादव ने भारतीय दंड संहिता की धारा 376 (बलात्कार), 120 बी और पॉक्सो अधिनियम के तहत आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी।