मानवता शर्मसार: पश्चिमी चंपारण के अस्पताल में स्ट्रेचर छोड़ घसीटा शव
बेतिया-नौतन रोड स्थित पालम सिटी के पास एक युवक का शव मिलने पर ग्रामीणों ने पुलिस को सूचना दी। मुफस्सिल थाना पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए जीएमसीएच भेजा लेकिन अस्पताल में मौजूद स्ट्रेचर का उपयोग न करके कर्मचारियों ने शव को घसीटकर सीढ़ियों से नीचे ले गए। सूत्रों कि माने तो जिसका वीडियो मौके पर मौजूद किसी व्यक्ति ....

बिहार के पश्चिमी चंपारण के बेतिया में गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल (जीएमसीएच) से मानवता को शर्मसार करने वाला एक वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। इस वीडियो में अस्पताल के कर्मचारी एक अज्ञात शव को स्ट्रेचर की बजाय सीढ़ियों पर घसीटते हुए पोस्टमार्टम हाउस तक ले जाते दिख रहे हैं।
शव को घसीटकर सीढ़ियों से नीचे ले गए
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, बेतिया-नौतन रोड स्थित पालम सिटी के पास एक युवक का शव मिलने पर ग्रामीणों ने पुलिस को सूचना दी। मुफस्सिल थाना पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए जीएमसीएच भेजा लेकिन अस्पताल में मौजूद स्ट्रेचर का उपयोग न करके कर्मचारियों ने शव को घसीटकर सीढ़ियों से नीचे ले गए। सूत्रों कि माने तो जिसका वीडियो मौके पर मौजूद किसी व्यक्ति ने बनाकर सोशल मीडिया पर अपलोड कर दिया।
अस्पताल में स्ट्रेचर उपलब्ध था
अब यह वीडियो व्यापक रूप से फैल चुका है और अस्पताल की संवेदनहीनता व कुव्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर रहा है। स्थानीय सूत्रों के अनुसार, अस्पताल में स्ट्रेचर उपलब्ध था, फिर भी इस तरह की लापरवाही बरती गई।पुलिस मृतक की पहचान के प्रयास कर रही है, लेकिन अब तक शिनाख्त नहीं हो सकी है। वहीं, जीएमसीएच प्रशासन ने इस घटना पर कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया है।
स्वास्थ्य विभाग की कड़ी आलोचना
बता दें कि वीडियो सामने आने के बाद सोशल मीडिया पर लोगों ने अस्पताल प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग की कड़ी आलोचना की है। कई यूजर्स ने इसे बिहार की बदहाल स्वास्थ्य सेवाओं का प्रतीक बताया। स्थानीय लोगों का कहना है कि यह पहला मौका नहीं है, जब जीएमसीएच में लापरवाही की तस्वीरें सामने आई हैं। पहले भी मरीजों और शवों को ढोने में इस तरह की घटनाएं हो चुकी हैं।लोगों ने इस मामले की जांच कर दोषियों पर सख्त कार्रवाई की मांग की है। साथ ही, प्रशासन की चुप्पी पर भी सवाल उठाए हैं। यह घटना एक बार फिर बिहार के सरकारी अस्पतालों की हालत और कर्मचारियों की गैरजवाबदेही को उजागर करती है।