बिहार सरकार महिलाओं को बस चलाना सिखाएगी, प्रशिक्षण के लिए नहीं लिया जाएगा कोई शुल्क,ट्रेनिंग के बाद सौंपी जाएगी पिंक बस की कमान
बिहार सरकार ने महिलाओं की सुविधा के लिए पिंक बस सेवा की शुरुआत की है। राजधानी पटना के साथ मुजफ्फरपुर, भागलपुर, पूर्णिया, गया और दरभंगा में 20 पिंक बसें चल रही हैं। जल्द ही 100 और बसों का परिचालन इन शहरों में होगा लेकिन पिंक बस के लिए योग्य महिला ड्राइवर ढूँढना चुनौतीपूर्ण साबित हुआ। बिहार और झारखंड से आवेदन माँगने के..

बिहार सरकार ने महिलाओं की सुविधा के लिए पिंक बस सेवा की शुरुआत की है। राजधानी पटना के साथ मुजफ्फरपुर, भागलपुर, पूर्णिया, गया और दरभंगा में 20 पिंक बसें चल रही हैं। जल्द ही 100 और बसों का परिचालन इन शहरों में होगा लेकिन पिंक बस के लिए योग्य महिला ड्राइवर ढूँढना चुनौतीपूर्ण साबित हुआ। बिहार और झारखंड से आवेदन माँगने के बावजूद, कोई भी उपयुक्त महिला ड्राइवर नहीं मिल पाई। वहीं बस में महिला ड्राइवर नहीं होने की वजह से यह सेवा अधूरी सी है।इसीलिए बिहार सरकार ने महिलाओं को बस चलाने का प्रशिक्षण देने के लिए एक कार्यक्रम शुरू किया है।
18 से 35 साल की उम्र की इच्छुक महिलाओं का चयन
बता दें कि बिहार सरकार अब महिलाओं को बस चलाना सिखाएगी। परिवहन विभाग ने महिलाओं को बस चलाने के लिए प्रशिक्षण देने का निर्णय लिया है। ड्राइविंग की ट्रेनिंग लेने के लिए 18 से 35 साल की उम्र की इच्छुक महिलाओं का चयन किया जाएगा। चयनित महिलाओं को गाड़ी चलाने का प्रशिक्षण दिलाकर विभाग ड्राइविंग लाइसेंस दिलाएगा। इसके बाद इनको पटना समेत अन्य शहरों में चलने वाली महिलाओं के लिए समर्पित पिंक बस की कमान सौंपी जाएगी। जानकारी के लिए बता दें कि पिछले दिनों पिंक बस के लिए सरकार को महिला ड्राइवर नहीं मिल पाए थे। इसी कारण विभाग ने ट्रेनिंग का फैसला लिया है।
प्रशिक्षण के लिए कोई शुल्क नहीं लिया जाएगा
ड्राइवर के चयन होने के बाद इन महिलाओं को औरंगाबाद में आवासीय व्यवस्था के तहत बस चलाने का प्रशिक्षण दिया जाएगा। इनसे कोई शुल्क नहीं लिया जाएगा। गाड़ी चलाने की जानकारी होने पर निगम महिलाओं को बस चलाने के लिए विधिवत ड्राइविंग लाइसेंस भी दिलाएगा।इच्छुक महिलाओं को चालक प्रशिक्षण के लिए न्यूनतम दसवीं पास होना जरूरी होगा। साथ ही शारीरिक रूप से स्वस्थ और फिट होना भी जरूरी होगा। निगम जल्द ही आवेदन जारी करेगा। प्रशिक्षण के बाद महिलाओं को चालक के रूप में काम करना होगा। बदले में उन्हें श्रम संसाधन विभाग की ओर से निर्धारित मानदेय दिया जाएगा।