पटना में बिहार बदलाव रैली के जरिए जन सुराज का चुनावी शंखनाद, गांधी मैदान से जनता को साधेंगे प्रशांत किशोर

बिहार में इस साल अक्टूबर- नवंबर में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। वहीं चुनाव को लेकर बिहार की राजनीति पूरी तरह गरमाई हुई है। सभी राजनीतिक पार्टियों के द्वारा चुनाव को लेकर रणनीति बनाई जा रही है और उस रणनीति को जमीनी स्तर पर उतारने की भी कोशिश की जा रही है। विधानसभा चुनाव को लेकर भाजपा-जेडीयू के एनडीए और राजद के नेतृत्व वाले...

पटना में बिहार बदलाव रैली के जरिए जन सुराज का चुनावी शंखनाद, गांधी मैदान से जनता को साधेंगे प्रशांत किशोर

बिहार में इस साल अक्टूबर- नवंबर में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। वहीं चुनाव को लेकर बिहार की राजनीति पूरी तरह गरमाई हुई है। सभी राजनीतिक पार्टियों के द्वारा चुनाव को लेकर रणनीति बनाई जा रही है और उस रणनीति को जमीनी स्तर पर उतारने की भी कोशिश की जा रही है। विधानसभा चुनाव को लेकर भाजपा-जेडीयू के एनडीए और राजद के नेतृत्व वाले महागठबंधन के बीच कड़ी टक्कर है। वहीं प्रशांत किशोर ने भी चुनाव को लेकर कमर कस ली है। पटना में आज ‎जन सुराज की 'बिहार बदलाव‎ रैली' है। प्रशांत किशोर की बिहार बदलाव रैली को चुनावी शंखनाद माना जा रहा है।

1 लाख से ज्यादा लोगों के पहुंचने का दावा

बता दें कि इस रैली में प्रदेश के सभी जिलों से लोगों को बुलाया गया है। पार्टी के सूत्रधार प्रशांत किशोर विधान सभा चुनाव से पहले गांधी मैदान से लोगों को साधेंगे। पार्टी की ओर से 1 लाख से ज्यादा लोगों के पहुंचने का दावा किया जा रहा है। इसके लिए भव्य तैयारी की गई है। सुबह से ही कार्यकर्ताओं के पहुंचने का सिलसिला शुरू हो गया है। रैली को लेकर जिला प्रशासन भी अलर्ट मोड में हैं। गांधी मैदान के आसपास सुरक्षा-व्यवस्था कड़ी गई है। 500 से अधिक पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया है। 15 डिप्टी रैंक के अधिकारी भी मौजूद रहेंगे। CCTV और ड्रोन से निगरानी रखी जाएगी। इमरजेंसी के लिए एंबुलेंस और मेडिकल स्टाफ की भी तैनाती की गई है।

जन सुराज के पास सोच और नेतृत्व है-मनोज भारती 

वहीं जन सुराज के प्रदेश अध्यक्ष मनोज भारती ने कहा, 'बिहार में बदलाव अब एक जरूरत नहीं, बल्कि जनता की मांग बन चुकी है। बीते 35 साल में हमने केवल कुशासन, भ्रष्टाचार और जातिगत राजनीति को देखा है। अब समय आ गया है कि जनता खुद आगे बढ़े और एक नई राजनीति की नींव रखे। जन सुराज के पास सोच और नेतृत्व है। जो बिहार को आत्मनिर्भर, सशक्त और विकसित राज्य बना सकता है। यह रैली बिहार में राजनीतिक बदलाव की बुनियाद डालेगी। राज्य की मौजूदा राजनीतिक व्यवस्था से जनता थक चुकी है। युवाओं, किसानों, महिलाओं और बेरोजगारों की आवाज को साथ लेकर एक नई राजनीतिक संस्कृति की ओर बढ़ना समय की मांग है।