बिहार के आधी आबादी को साधने का खेल!, नीतीश, तेजस्वी का गेम
PATNA : बिहार के आधी आबादी को साधने का काम तेजस्वी यादव करने जा रहे हैं. कहा जाता है कि, जिस आधी आबादी पर CM नीतीश की मजबूत पकड़ है. उस पकड़ पर तेजस्वी यादव सेंधमारी करने की कोशिश कर रहे हैं. आपको बता दे, 2025 में बिहार में विधानसभा चुनाव होने जा रहा है और इस फाइनल मैच को जीतने के लिए बिहार के हर राजनीतिक दल लग गए है.
इसी बीच बिहार के नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने मास्टरस्ट्रोक खेला है और एनडीए की टेंशन बढ़ा दी है. दरअसल, तेजस्वी यादव ने 'माई-बहिन मान योजना' लाने की घोषणा की है. उनका कहना है कि, अगर हमारी सरकार बनती है तो हमलोग इस योजना के तहत बिहार के माता-बहनों को प्रतिमाह 2500 सौ रुपए देगें. तेजस्वी बिहार के आधी आबादी को अपनी ओर खींचने की कोशिश की है.
बिहार के आधी आबादी पर नीतीश कुमार की मजबूत पकड़ है. नीतीश की सरकार ने बिहार के महिलाओं के लिए बहुत काम किया जैसे - जीविका दीदी, शराबबंदी और साइकिल योजना और भी बहुत योजनाएं हैं. जो बिहार में महिलाओं के लिए नीतीश कुमार ने लाया है. जिसके कारण से बिहार की महिलाओं का एक भारी कुनबा उनको ही वोट करती है और इस बात को पूरा बिहार मानता है और NDA भी. लेकिन तेजस्वी यादव इसी कुनबे पर अब सेंधमारी करने की कोशिश कर रहे हैं. अब चुनाव भी है और इस आधी आबादी का वोट भी चाहिए. जिसके लिए तेजस्वी यादव ने मास्टरस्ट्रोक खेला है.
क्या बिहार की महिलाएं लालू यादव के राज को भूल जायेगी? एक समय था कि, महिलाओं को घर से निकलने नहीं दिया जाता था. महिलाएं सिर्फ घर का काम करती थी या चूल्हा चौका, बच्चे, सास और सिलाई बस इसी में उनकी जिनकी खत्म हो जाती थी, लेकिन अब ऐसा बिहार में नहीं है. क्योंकि बिहार में अब महिलाएं बराबरी कर रही हैं. बराबरी ही नहीं बहुत आगे है. उनका मानना है कि, नीतीश कुमार की सरकार ने उन्हें हौसलों की उड़ान दी है. चाहे वह टीचर पोस्टिंग की बात हो या बिहार पुलिस में महिलाओं की योगदान की बात हो.
एक तरफ जहां बिहार में युवा रोजगार के लिए तेजस्वी को मानते है. वहीं, कुछ लोग लालू यादव के राज की गलती को तेजस्वी यादव नहीं करेंगे. ऐसा भी सोचते हैं. ऐसे में तेजस्वी यादव के इस ऐतिहासिक घोषणा पर बिहार की जनता और बिहार की आधी आबादी क्या सोचती है. यह आने वाला वक्त बताएगा? बिहार की जनता युवा को बिहार के हाथों में सौंपना चाहती है या फिर बड़े बुजुर्ग ही सही फैसला लेते हैं, यह सोचकर चाचा को.
REPORT - KUMAR DEVANSHU