बिहार के रंग में रंगे बागेश्वरधाम के पीठाधीश्वर पंडित धीरेंद्र शास्त्री, कहा- का हाल बा....सब ठीक बा ना ... हम भी खूब ठीक बा

बागेश्वरधाम के पीठाधीश्वर पंडित धीरेंद्र शास्त्री बिहार के गोपालगंज में हनुमंत कथा कह रहे हैं। बागेश्वर बाबा की कथा को लेकर बिहार में राजनीति भी शुरू हो गई है। शुक्रवार को उन्होंने कहा कि बिहार आकर उनकी एनर्जी बढ़ जाती है।

बिहार के रंग में रंगे बागेश्वरधाम के पीठाधीश्वर पंडित धीरेंद्र शास्त्री, कहा- का हाल बा....सब ठीक बा ना ...  हम भी खूब ठीक बा
Pandit Dhirendra Shastri

बागेश्वरधाम के पीठाधीश्वर पंडित धीरेंद्र शास्त्री बिहार के गोपालगंज में हनुमंत कथा कह रहे हैं। गोपालगंज के राम जानकी मठ में पंडित धीरेंद्र शास्त्री के हनुमंत कथा का आज यानी शनिवार को तीसरा दिन है। पांच दिनों की हनुमत कथा कहने के लिए बागेश्वर बाबा पधारे हैं।आज बाबा बागेश्वर का दिव्य दरबार भी लग रहा है। वहीं बागेश्वर बाबा की कथा को लेकर बिहार में राजनीति भी शुरू हो गई है। जहां एनडीए के विधायक बाबा के समर्थन में  हैं तो वहीं दूसरी ओर राजद विधायक मुकेश रौशन ने कहा कि चुनाव के समय उन्माद फैलाने आए हैं। 

यहां के रंग में रंगे पंडित धीरेंद्र शास्त्री

दरअसल बिहार के गोपालगंज में बागेश्रर धाम के पीठाधीश्वर पंडित धीरेंद्र शास्त्री का कार्यक्रम चल रहा है। बतादें कि बिहार आकर बागेश्रर धाम के पीठाधीश्वर पंडित धीरेंद्र शास्त्री  यहां के रंग में रंग गए हैं। कथा कहते कहते पंडित धीरेंद्र शास्त्री भोजपुरी में बात करने लगते हैं। शुक्रवार को उन्होंने कहा कि बिहार आकर उनकी एनर्जी बढ़ जाती है। ठेठ बिहार अंदाज में उन्होंने भक्तों से कहा-  - का हाल बा, सब ठीक बा ना, ठीक बानी रउआ सभे, तो हम भी खूब ठीक बा। हम तो बिहार में आके फुल एनर्जी में हो जाते हैं। बहुत आनंद आता है।

राम जी जैसे रखेंगे वैसे रहना ही पड़ेगा - बागेश्वर बाबा 

कथा सुन रहे भक्तों को संबोधित करते हुए बागेश्वर बाबा ने कहा कि राम जी जैसे रखेंगे वैसे रहना ही पड़ेगा, और कर भी क्या लोगे। जब रहना ही है उनकी कृपा से तो पहले ही सरेंडर कर हो जाओ। बिहार के लोगों को भक्ति में पागल बताते हुए उन्होंने कहा कि जो पहले ही राम जी का हो जाएगा उसे कौन हरा सकता है। बागेश्वर बाबा अपने पुराने दिनों को याद करते हुए भावुक भी हो गए।  उन्होंने कहा कि अमीरों के तो लाखों गुरु होते हैं, मित्र होते हैं लेकिन, गरीबों के मित्र भगवान ही होते हैं। उनके घर में देर है, अंधेर नहीं है। जगत रूठ जाए तो कोई बात नहीं पर भगवान नहीं रूठने चाहिए।