प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज किया 'परीक्षा पे चर्चा', PM मोदी ने छात्रों को दिया खास मंत्र, जानिये?

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज किया 'परीक्षा पे चर्चा', PM मोदी ने छात्रों को दिया खास मंत्र, जानिये?

DESK : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज ‘परीक्षा पे चर्चा’ कार्यक्रम में छात्रों, शिक्षकों और अभिभावकों से परीक्षा के तनाव को कम करने के उपायों पर चर्चा की. यह कार्यक्रम नई दिल्ली स्थित प्रगति मैदान के भारत मंडपम में सुबह 11 बजे से शुरू हुआ. यह पीपीसी का आठवां संस्करण है और इस साल यह विशेष रूप से परीक्षा से संबंधित तनाव को कम करने पर ध्यान केंद्रित करेगा.

पीएम मोदी ने ‘परीक्षा पे चर्चा’ कार्यक्रम में शामिल होने आए छात्रों के साथ मिलकर सुंदर नर्सरी में पेड़ भी लगाए और पेड़ों के महत्व के बारे में भी उन्हें बताया. पीएम मोदी ने बच्चों के पैरेंट्स को भी एडवाइस दी. उन्होंने कहा कि माता-पिता को अपने बच्चों की स्किल पर ध्यान देना चाहिए, क्योंकि हर बच्चा अलग-अलग फील्ड में अच्छा होता है. उन्होंने क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर का उदाहरण देते हुए कहा कि वो खेल में अच्छे हैं, पढ़ाई में नहीं. साथ ही उन्होंने खुद के बारे में भी बताते हुए कहा कि एक बार उनसे पूछा गया था कि अगर वो प्रधानमंत्री नहीं होते, मंत्री होते तो कौन सा डिपार्टमेंट चुनते. इसपर उन्होंने कहा कि वो स्किल डिपार्टमेंट चुनते, क्योंकि स्किल बहुत जरूरी है. 

पीएम मोदी ने कहा कि किसी भी बात को पहले सुननी चाहिए, उसके बाद उसपर सवाल करना चाहिए और उसके परिणामों के बारे में भी सोचना चाहिए. फिर सोच समझ कर अंत में उसे खुद पर अप्लाई करना चाहिए. पीएम मोदी ने छात्रों को फेलियर से बचने के भी टिप्स दिए. उन्होंने कहा कि फेल हो जाने से जिंदगी नहीं अटकती. आपको ये तय करना होगा कि आपको किताबों में सफल होना है या जीवन में सफल होना है. अपनी विफलताओं को अपना टीचर बनाएं और उससे सीखें. 

पीएम मोदी ने छात्रों को अपनी पढ़ाई के दिनों के बारे में भी बताया. उन्होंने कहा कि उनकी हैंडराइटिंग बहुत अच्छी नहीं थी, इसलिए उसे सुधारने के लिए उनके शिक्षकों ने बहुत मेहनत की. इस दौरान उन्होंने मजाकिया अंदाज में कहा कि उनकी हैंडराइटिंग भले ही ठीक नहीं हुई, लेकिन उन शिक्षकों की हैंडराइटिंग जरूर ठीक हो गई. पीएम मोदी ने छात्रों को लिखने पर जोर देने के बारे में कहा. उन्होंने कहा कि हमेशा लिखने की आदत होनी चाहिए, चाहे उम्र को भी हो.

पीएम मोदी ने छात्रों को कहा कि वो किताबी कीड़ा न बनें, लेकिन ज्ञान प्राप्त करने से पीछे भी नहीं हटें. उन्होंने कहा कि इंसान को हमेशा कुछ न कुछ सीखते रहना चाहिए. पीएम ने कहा कि पढ़ाई के साथ-साथ रिलैक्स होने की भी जरूरत होती है. अपने माता-पिता को समझाएं कि रोबोट की तरह नहीं जीना है, हम इंसान हैं. बच्चों को किताबों में ही बंद कर देंगे कि वो विकास नहीं कर सकते. उन्हें खुला आसमान चाहिए होता है, अपनी पसंद की चीजें करनी चाहिए.

पीएम ने कहा कि हमारे समाज में दुर्भाग्य से ये घुस गया कि अगर हम स्कूल में इतने नंबर नहीं लाए, दसवीं-बारहवीं में इतने नंबर नहीं आए तो जिंदगी तबाह हो जाएगी. इसलिए पूरे घर में तनाव हो जाता है, ऐसे में आपको खुद को तैयार करना है.ऐसे में इस तनाव को मन में न लें और तय करें कि आपको आज कितना पढ़ना है. ये अगर आप कर लेते हैं, तो आप इस तनाव से खुद को निकाल सकते हैं. 

इस साल अलग-अलग राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से कुल 36 छात्रों का चयन किया गया है, जो पीएम मोदी से सीधे बात करेंगे. ये छात्र सरकारी स्कूलों से लेकर केंद्रीय विद्यालय, सैनिक स्कूल, नवोदय विद्यालय और सीबीएसई स्कूलों के हैं. छात्रों के मन में परीक्षा से जुड़े जो भी सवाल हैं, वो पीएम मोदी से बेझिझक पूछ सकते हैं और उन्हें उसका समाधान मिलेगा.

REPORT - KUMAR DEVANSHU