अवैध तरिके से ड्राइविंग लाइसेंस का बैकलॉग डेटा एंट्री करके कमाया जा रहा करोड़ो, जानिए कैसे होता है ये खेल?

अवैध तरिके से ड्राइविंग लाइसेंस का बैकलॉग डेटा एंट्री करके कमाया जा रहा करोड़ो, जानिए कैसे होता है ये खेल?

PATNA : बिहार परिवहन विभाग में बहुत अलग-अलग तरीके से अवैध रुपये की कमाई की जाती है. देशवा ट्रांसपोर्ट न्यूज़ हमेशा बिहार परिवहन विभाग के ऐसे हर राज को आप लोगों के सामने लाता है. जिससे अवैध कमाई विभाग के लोग करते हैं. अभी जो साक्ष हमारे पास आए हैं, उसमें बिहार के परिवहन विभाग में कैसे ड्राइविंग लाइसेंस का बैकलॉग एंट्री कर कर करोड़ों की कमाई की जाती है. आज इसी पूरे खेल को देशवा ट्रांसपोर्ट न्यूज़ आपको बताने जा रहा है.

 

देशवा ट्रांसपोर्ट न्यूज़ के पास जो साक्ष सामने आया है. उसमें यह पता चल रहा है कि, अरुणाचल प्रदेश के ईटानगर से बिहार की गाड़ी का हेवी मोटर में रजिस्ट्रेशन किया गया है. उस कागज में ड्राइविंग लाइसेंस नंबर ईटानगर का है और बिहार के भूतपूर्व पूर्व डीटीओ श्री श्रीप्रकाश साहब और प्रोग्रामर अजय दुबे के द्वारा उसकी एंट्री पूर्व डीटीओ श्री श्रीप्रकाश के माध्यम से किया गया है. आपको बता दे, एक लाइसेंस के लिए 30 से 40 हजार का भुगतान अवैध तरीके से की जाती है और यह सारा व्यवस्था प्रोग्रामर सुधांशु दुबे जी का है. जिसमे सहमति पूर्व डीटीओ श्री श्रीप्रकाश जी का होता था. फिलहाल, प्रोग्रामर सुधांशु दुबे पटना से स्थानांतरित होकर मुजफ्फरपुर चले गए हैं, लेकिन अभी भी उनका यह काम जारी है. वह आज भी मुजफ्फरपुर में ड्राइविंग लाइसेंस के लिए काम कर रहे हैं. पहले आपको समझना होगा कि, प्रोग्रामर सुधांशु दुबे करते क्या है? वह आपको हेवी मोटर रजिस्ट्रेशन करना के लिए पटना डीटीओ में लर्निंग लाइसेंस के लिए अप्लाई करा देगें और सुधांशु दुबे जी मुजफ्फरपुर से उसको हेवी मोटर रजिस्ट्रेशन करवा देंगे और उसके एवज में वह एक गाड़ी के लाइसेंस के लिए 30 से 40 लेंगे ऐसा नहीं है कि, इस खेल में वो अकेले है उनका साथ NIC के कुछ लोगों के साथ भी है. जिससे मिलकर वो ये सारा सिस्टम चला रहे है.

 

जिस अवैध तरिके से हैवी मोटर का लाइंसेंस दिया जा रहा है, उससे सड़क पर क्या-क्या असर पद रहा होगा क्योंकि अभी जिस तरीके से सड़क पर आए दिन दुर्घटना हो रही है. जिसमें लोगों की जान जा रही है. वह ऐसे ही फर्जी तरीके से ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने के कारण ड्राइवर एक्सीडेंट करते होंगे. इन सड़क दुर्घटना में जो जान जा रही है. उसका जिम्मेदार कौन है? देशवा ट्रांसपोर्ट न्यूज़ के पास जो साक्ष सामने आया है. उसमें करीब 5 से 6 हजार लाइसेंस को इसी तरीके से कन्वर्ट करके करोड़ों रुपए की कमाई की गई है और बिहार के राजस्व को चूना लगाया गया है. देशवा ट्रांसपोर्ट न्यूज़ परिवहन विभाग के आला अधिकारियों से आग्रह करता है कि, इस विषय पर जांच करें, ताकि बिहार सरकार को जो चूना विभाग के द्वारा लगाया जा रहा है. उसको रोका जा सके और आरोपी को सख्त से सख्त सज़ा मिले.

REPORT - DESWA NEWS