पटना: अंचल अधिकारियों का धरना, निगरानी विभाग की कार्रवाई पर जताई नाराज़गी, कहा- सिर्फ हम ही टारगेट हो रहे
पटना के गर्दनीबाग में गुरुवार को बिहार के विभिन्न अंचल अधिकारी (CO) धरने पर बैठ गए। यह धरना निगरानी विभाग की लगातार हो रही कार्रवाई के खिलाफ है।धरने पर बैठे सीतामढ़ी के सीओ कृष्ण प्रताप सिंह ने कहा कि वे न तो अपने विभाग के खिलाफ हैं और न ही सरकार के खिलाफ हैं। उनका कहना था कि जिस तरह से कार्रवाई की जा रही है, वह अत्यधिक चिंता का विषय है।कृष्ण प्रताप सिंह ने बताया कि अंचल अधिकारी जनता की समस्याओं का समाधान करने................

पटना के गर्दनीबाग में गुरुवार को बिहार के विभिन्न अंचल अधिकारी (CO) धरने पर बैठ गए। यह धरना निगरानी विभाग की लगातार हो रही कार्रवाई के खिलाफ है।धरने पर बैठे सीतामढ़ी के सीओ कृष्ण प्रताप सिंह ने कहा कि वे न तो अपने विभाग के खिलाफ हैं और न ही सरकार के खिलाफ हैं। उनका कहना था कि जिस तरह से कार्रवाई की जा रही है, वह अत्यधिक चिंता का विषय है।कृष्ण प्रताप सिंह ने बताया कि अंचल अधिकारी जनता की समस्याओं का समाधान करने में हमेशा सबसे आगे रहते हैं। जमीन विवाद, अतिक्रमण, राजस्व कार्य, आपदा प्रबंधन और विधि-व्यवस्था जैसे मामलों में CO की भूमिका अहम होती है।इसके बावजूद निगरानी की कार्रवाई में सिर्फ अंचल अधिकारियों को ही टारगेट किया जा रहा है। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि हाल ही में डंडारी में एक सीओ 20 सूत्री कार्यक्रम की बैठक में शामिल थे, लेकिन बैठक के दौरान निगरानी विभाग की टीम ने उन्हें बीच में उठाकर ले लिया। न तो उन्हें रंगे हाथ पकड़ा गया और न ही कोई ठोस सबूत पेश किया गया।
धरने की मांग
अंचल अधिकारियों ने मांग की है कि निगरानी विभाग निष्पक्ष जांच करे और केवल CO को टारगेट करना बंद करे। उनका कहना था कि अगर सरकार की सेवा पारदर्शी बनानी है, तो कार्रवाई हर स्तर पर समान रूप से होनी चाहिए।धरने पर बैठे अंचल अधिकारियों ने मांग की है कि निगरानी विभाग निष्पक्ष जांच करे और सिर्फ सीओ को निशाना बनाना बंद करे। अब ऐसे में सवाल उठता है कि आखिर सीओ के साथ ही इस तरह का व्यवहार क्यों किया जा रहा है।
वहीं बिहार राजस्व सेवा संघ ने भी कई सवाल खड़े किए हैं -
. संघ ने कहा कि निगरानी विभाग की नजर सिर्फ CO पर ही क्यों है? क्या बाकी सेवाएं और अधिकारी पूरी तरह निष्कलंक हैं?
. सरकार का 80 प्रतिशत कार्य सीओ के माध्यम से होता है। अगर सीओ बेईमान हैं, तो फिर सरकार का काम कौन कर रहा है?
. विधि व्यवस्था, आपदा, अतिक्रमण, भू-विवाद, राजस्व कार्य और चुनाव-पर्यवेक्षण तक सभी जिम्मेदारियां सीओ ही निभाते हैं।
. अगर निगरानी की कार्रवाई पूरी कानूनी प्रक्रिया के तहत होती है, तो दोष सिद्ध होने की दर केवल 60 प्रतिशत ही क्यों है?