लड़कियों पर सरकारी योजनाएं नहीं काफ़ी —रोहिणी का पोस्ट बिहार सरकार पर करारा हमला
राष्ट्रीय जनता दल और लालू परिवार से दूरी बना चुकीं रोहिणी आचार्य ने गुरुवार को एक्स पर एक ऐसा पोस्ट साझा किया, जिसने न सिर्फ बिहार की राजनीति में हलचल मचा दी, बल्कि लालू–राबड़ी परिवार के भीतर बढ़ती खामोशी को भी उजागर कर दिया।रोहिणी ने अपने बयान में एक ओर नीतीश कुमार की मौजूदा सरकार को कटघरे में खड़ा किया, तो दूसरी ओर अपने मायके—यानी लालू परिवार—में उनके साथ हुई कथित अनदेखी ....
राष्ट्रीय जनता दल और लालू परिवार से दूरी बना चुकीं रोहिणी आचार्य ने गुरुवार को एक्स पर एक ऐसा पोस्ट साझा किया, जिसने न सिर्फ बिहार की राजनीति में हलचल मचा दी, बल्कि लालू–राबड़ी परिवार के भीतर बढ़ती खामोशी को भी उजागर कर दिया।रोहिणी ने अपने बयान में एक ओर नीतीश कुमार की मौजूदा सरकार को कटघरे में खड़ा किया, तो दूसरी ओर अपने मायके—यानी लालू परिवार—में उनके साथ हुई कथित अनदेखी और दुर्व्यवहार पर भी खुलकर बात की।
व्यापक परिवर्तन की आवश्यकता
रोहिणी आचार्य ने एक्स पर लिखा- लड़कियों को 10,000 रुपये देना या साइकिलें बांटना, भले ही नेक इरादे से किया गया हो, लेकिन ये भारत में महिलाओं के सशक्तीकरण में बाधा डालने वाले व्यवस्थागत मुद्दों को हल करने के मद्देनजर अपर्याप्त है।बकौल रोहिणी, सरकार और समाज का यह प्रथम दायित्व होना चाहिए कि वह बेटियों के समान अधिकारों की रक्षा के लिए ठोस कदम उठाए, खासकर सामाजिक और पारिवारिक उदासीनता के मद्देनजर। उन्होंने एक्स प्लेटफॉर्म पर आगे लिखा- बिहार में गहरी जड़ें जमा चुकी पितृसत्तात्मक मानसिकता सामाजिक और राजनीतिक, दोनों क्षेत्रों में व्यापक परिवर्तन की आवश्यकता पैदा करती है।
रोहिणी ने लिखा ...
रोहिणी ने लिखा कि प्रत्येक बेटी को इस आश्वासन के साथ बड़े होने का अधिकार है कि उसका मायका एक ऐसा सुरक्षित स्थान है ,जहां वह बिना किसी डर, अपराधबोध, शर्म या किसी को कोई स्पष्टीकरण दिए बिना लौट सकती है। इस उपाय को लागू करना केवल एक प्रशासनिक दायित्व नहीं है, बल्कि अनगिनत महिलाओं को भविष्य में होने वाले शोषण और उत्पीड़न से बचाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम होगा।
लालू यादव के परिवार में रिश्तों की खटास
जानकारी के लिए बता दें कि राजद द्वारा चुनाव में मिली करारी हार के बाद से लालू यादव के परिवार में रिश्तों की खटास और गहरी होती जा रही है। रोहिणी ने यह आरोप लगाया था कि उनके साथ मायके में सम्मानजनक व्यवहार नहीं किया गया। उन्होंने यहां तक दावा कर दिया कि उन पर चप्पल तक उठाने की कोशिश की गई, और इस पूरे घटनाक्रम के लिए उन्होंने सीधे अपने भाई तेजस्वी यादव को जिम्मेदार ठहराया।बता दें कि उनके नए पोस्ट ने इन रिश्तों में कड़वाहट को और उभार दिया है।वहीं राजनीतिक विश्लेषकों कि माने तो रोहिणी का यह खुला विरोध आने वाले दिनों में लालू परिवार की आंतरिक राजनीति को और पेचीदा बना सकता है।













