मुंगेर में चल रहे अवैध वाहनों एवं जिला परिवहन कार्यालय में लूट-खसोट के अड्डे का रखवाला कौन?, जिला वाले बड़े साहब या कोतवाल जो पटना में है?

मुंगेर में चल रहे अवैध वाहनों एवं जिला परिवहन कार्यालय में लूट-खसोट के अड्डे का रखवाला कौन?, जिला वाले बड़े साहब या कोतवाल जो पटना में है?

MUNGER : ऐसे तो सभी राज्य के सभी जिलों में परिवहन कार्यालय है और उनका काम है कि, वो लोगों को नियम संगत काम करके दे. ताकि लोगों को परेशानी न झेलना पड़े. लेकिन अभी परेशानी का सबब बनने वाले परिवहन कार्यालय पर गौर करें तो इसमें मुंगेर डीटीओ कार्यालय शीर्ष में शुमार हो रहा है. यहां विभिन्न काम के लिए आने वाले लोग साल भर जूझते रहते है और उनका काम बिना दान-दक्षिणा का नहीं होता है.

 

मुंगेर डीटीओ कार्यालय में अवैध तरीके से हर चीज का कर्मचारीयों से लेकर अधिकारीयों ने एक रेट तय कर दिया है. जब तक आप तय किए गए रेट को नहीं देंगे. तब तक आपका कोई भी काम नहीं हो पाएगा. मुंगेर डीटीओ कार्यालय इन दिनों अवैध वसूलियों के लिए पूरे बिहार में अव्वल पर चल रहा है. यहां अराजकता का ऐसा आलम है कि, मानो अवैध तरीके से पैसा लेना इनका जन्म सिद्ध अधिकार बन गया है. अगर कोई इन्हें रोकने की कोशिश करता है या इसका विरोध करता है तो, उसे भी हर तरीके से शांत कर देने की कोशिश इनके के द्वारा कर दिया जाता है.

 

इस अवैध वसूली के बारे में जब हमने बात करने की कोशिश की तो मुंगेर डीटीओ कार्यालय में कार्यरत कर्मचारी से लेकर अधिकारीयों का कहना है कि, अगर पैसा नहीं देंगे तो आपका काम नहीं होगा. जब इस विषय पर हमने और ज्यादा बात करने की कोशिश की तो उन सब ने ऑन कैमरा कुछ भी कहने से मना कर दिया. लेकिन कैमरा बंद होते ही मुंगेर डीटीओ कार्यालय के कर्मचारियों  और अधिकारीयों ने कहा कि, आपको जिसेसे भी शिकायत करना है. आप कर दीजिये. जो भी वीडियो चलना है. चला लीजिए. आप हमारा कुछ नहीं बिगाड़ सकते हैं. क्योंकि हमारे जिले का सुपर बॉस को जितना चढ़ावा जाता है उतना आप सोच भी नहीं सकते है. रही बात पटना की तो वहां के जो भी अधिकारी हमारा कुछ बिगाड़ सकते है. उन सबो को हमलोग हरेक महीने भरपूर चढ़ावा चढ़ाते है. यहां के लोकल पेपर में भी खुब न्यूज़ आते रहता है. हम लोगों का कोई कुछ बिगाड़ा है क्या?

 

इनकी ये बाते सुनकर हमारे रिपोर्टर को सोचने पर मजबूर कर दिया और हमारे रिपोर्टर ने रात में सड़कों पर रिपोर्टिंग की तो उस समय सैकड़ों गाड़ियां खुलेआम सड़कों पर ओवरलोड नजर आई. जिसके फोटो आप साफ़ देख सकते है.

 

वहां वैसी भी गाड़ियां नजर आई. जो MV एक्ट के हिसाब से गलत बनी हुई है. वो हाईवा जिसके परिचालन पर सरकार ने रोक लगा रखी है. वैसे भी 6 चक्का के हाईवा मुंगेर के सड़कों पर खुलेआम दौड़ते नजर आ रही थी. इस तरह के काम के एवज में परिवहन के तीनों पदाधिकारियों के साथ जिला के वरीय पदाधिकारी और पटना के वरीय पदाधिकारी को एक निश्चित तिथि उनका चढ़ावा पहुंच जाता है. ऐसा हम नहीं कहते. इस बात का दावा मुंगेर परिवहन कार्यालय के तीन दबंग अधिकारी जिनके जिम्मे मुंगेर में किसी भी तरह के गाड़ियों का गलत परिचालन नहीं हो पाए ये जिम्मेवारी है. वही इन कामों को करवा रहे है.

 

ये एक सोचने की बात है. क्योंकि अगर आपके सिर पर हेलमट नहीं है, आपने सीट बेल्ट नहीं लगाया है और आपके पास DL नहीं है तो चालान तुरंत कट जाता है. लेकिन वैसी गाड़ियां जिससे सरकार को लाखों का क्षति होती है. वैसी गाड़ियों को कोई रोकने-टोकने वाला नहीं है. मतलब साफ़ है "सैंया भए कोतवाल अब डर काहे का" मुंगेर जिला परिवहन पदाधिकारी के बोलेरो में किन लोगों के द्वारा वसूली की जाती है? MVI के किन गुर्गों और एजेंटों के द्वारा वसूली की जाती है. दारोगा बाबू के दुलरुआ कौन है? कौन है वो वकील? कौन है वहां का फेमस एंट्री माफिया? इन सब का खुलासा बहुत जल्द देसवा ट्रांसपोर्ट करेगा.

 

REPORT – DESWA NEWS