गंगा नदी पर पटना की पहली वाटर मेट्रो: फेस्टिवल से पहले शुरू होने की संभावना, चार प्रमुख रूट चुने गए
पटना के लोगों के लिए खुशखबरी है। अब शहर में एक छोर से दूसरे छोर तक जाने के लिए घंटों जाम में फंसे रहने की जरूरत नहीं पड़ेगी। उत्तर भारत में पहली बार पटना में वाटर मेट्रो चलने जा रही है।मेट्रोपोलिटन शहरों में बढ़ते ट्रैफिक जाम को देखते हुए सरकार लगातार नई तकनीकों के जरिए लोगों को राहत देने की कोशिश कर रही है। कोलकाता, दिल्ली, बेंगलुरु, मुंबई, चेन्नई सहित देश के 23 बड़े शहरों में मेट्रो नेटवर्क 1000 किलोमीटर से भी लंबा हो चुका है। लेकिन अब शहर में नया आयाम जोड़ते हुए सरकार...

पटना के लोगों के लिए खुशखबरी है। अब शहर में एक छोर से दूसरे छोर तक जाने के लिए घंटों जाम में फंसे रहने की जरूरत नहीं पड़ेगी। उत्तर भारत में पहली बार पटना में वाटर मेट्रो चलने जा रही है।मेट्रोपोलिटन शहरों में बढ़ते ट्रैफिक जाम को देखते हुए सरकार लगातार नई तकनीकों के जरिए लोगों को राहत देने की कोशिश कर रही है। कोलकाता, दिल्ली, बेंगलुरु, मुंबई, चेन्नई सहित देश के 23 बड़े शहरों में मेट्रो नेटवर्क 1000 किलोमीटर से भी लंबा हो चुका है। लेकिन अब शहर में नया आयाम जोड़ते हुए सरकार वाटर मेट्रो पर काम कर रही है। देश में इस क्षेत्र में पहले कदम के रूप में केरल के कोच्चि में वाटर मेट्रो सेवा पहले ही शुरू हो चुकी है, जिससे लोगों का समय बच रहा है और यात्रा आसान हो गई है।
वाटर ट्रांसपोर्ट को बढ़ावा
अब यह सुविधा पटना में भी आने वाली है। केंद्र और राज्य सरकार मिलकर शहर के लोगों को ट्रैफिक जाम से राहत देने के लिए वाटर ट्रांसपोर्ट को बढ़ावा दे रही है। 28 जून को केंद्रीय मंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने इस प्रोजेक्ट की घोषणा की थी। इसके तहत गंगा नदी पर इलेक्ट्रिक और हाइब्रिड फेरी सेवाएं चलेंगी। पहला इलेक्ट्रिक जहाज एमवी गोमधरकुंवर कोलकाता से पटना के गायघाट जेटी तक पहुँच चुका है और फेस्टिवल सीजन तक इसका संचालन शुरू होने की संभावना है।पटना वाटर मेट्रो प्रोजेक्ट की कुल लागत 908 करोड़ रुपए है। इसे बिहार सरकार और भारतीय इनलैंड वाटरवे अथॉरिटी के बीच समझौते के तहत विकसित किया गया है। इस प्रोजेक्ट का मुख्य उद्देश्य शहर में बेहतर कनेक्टिविटी स्थापित करना और शहरी जल यातायात को बढ़ावा देना है।
वाटर मेट्रो के लिए चार प्रमुख रूट चुने गए हैं,
वाटर मेट्रो के लिए चार प्रमुख रूट चुने गए हैं, जो शहर के 10 महत्वपूर्ण स्थानों को जोड़ेंगे। पहले चरण में दीघा घाट से कंगन घाट तक सेवा शुरू होगी। इस 21 किलोमीटर लंबे मार्ग पर गांधी घाट, गायघाट और कंगन घाट पर फेरी रुकती रहेगी। इस सेवा के शुरू होने से न सिर्फ लोगों का समय बचेगा, बल्कि शहर के ट्रैफिक जाम और प्रदूषण में भी कमी आएगी।पटना वाटर मेट्रो न सिर्फ यात्रा को सरल और आरामदायक बनाएगी, बल्कि यह शहर के लिए स्मार्ट और आधुनिक परिवहन का प्रतीक भी बन जाएगी। जल्द ही पटना के लोग इस नई सुविधा का आनंद ले सकेंगे और शहर में जलमार्गों का नया युग शुरू होगा।