बिहार में पिछले कुछ साल से कोई विपक्ष ही नहीं..,प्रशांत किशोर ने दी आंदोलन की चेतावनी, बोले-..विधानसभा का करेंगे घेराव
जन सुराज के संस्थापक प्रशांत किशोर ने बिहार चुनाव को लेकर अपनी सक्रियता तेज कर दी है। सोमवार को पटना स्थित जन सुराज कार्यालय में आयोजित प्रेस वार्ता में उन्होंने बिहार सरकार पर जोरदार हमला बोला और कई अहम सवाल उठाए।प्रशांत किशोर ने कहा कि बिहार में फिलहाल कोई मजबूत विपक्ष नहीं है, इसलिए जन सुराज अब विपक्ष की भूमिका निभाने के लिए तैयार है। उन्होंने..

जन सुराज के संस्थापक प्रशांत किशोर ने बिहार चुनाव को लेकर अपनी सक्रियता तेज कर दी है। सोमवार को पटना स्थित जन सुराज कार्यालय में आयोजित प्रेस वार्ता में उन्होंने बिहार सरकार पर जोरदार हमला बोला और कई अहम सवाल उठाए।प्रशांत किशोर ने कहा कि बिहार में फिलहाल कोई मजबूत विपक्ष नहीं है, इसलिए जन सुराज अब विपक्ष की भूमिका निभाने के लिए तैयार है। उन्होंने बताया कि उनकी पार्टी ने आगामी समय के लिए तीन प्रमुख मुद्दों को चिन्हित किया है, जिन्हें लेकर वे राज्यभर में अभियान चलाएंगे।
जातीय जनगणना के बाद सरकार द्वारा की गई घोषणाओं से जुड़ा
पहला मुद्दा जातीय जनगणना के बाद सरकार द्वारा की गई घोषणाओं से जुड़ा है। प्रशांत किशोर ने सवाल उठाया कि सरकार ने दावा किया था कि राज्य में 94 लाख गरीब परिवारों को दो लाख रुपए की सहायता किस्तों में दी जाएगी। लेकिन आज तक कितने लोगों को यह सहायता मिली, इसका स्पष्ट आंकड़ा सरकार के पास नहीं है। इसी तरह, सरकार ने 39 लाख लोगों को छत मुहैया कराने का वादा किया था, जिसकी स्थिति भी अस्पष्ट है।
दूसरा बड़ा मुद्दा महादलित और दलित आयोग के तहत भूमिहीनों को भूमि देने से जुड़ा
दूसरा बड़ा मुद्दा महादलित और दलित आयोग के तहत भूमिहीनों को भूमि देने से जुड़ा है। प्रशांत किशोर ने पूछा कि नीतीश कुमार की सरकार ने इस योजना की घोषणा तो की थी, लेकिन अब तक कितने लोगों को जमीन दी गई, यह भी सरकार को बताना चाहिए।
तीसरा मुद्दा भूमि सर्वेक्षण से संबंधित
तीसरा मुद्दा भूमि सर्वेक्षण से संबंधित है, जो 2013 से चल रहा है। किशोर का आरोप है कि यह सर्वे अब तक पूरा नहीं हो सका है और यह भ्रष्टाचार का माध्यम बन गया है। जन सुराज इन तीन मुद्दों को लेकर राज्यभर में जनसंपर्क अभियान चलाएगी और लोगों से हस्ताक्षर जुटाएगी।बता दें कि पार्टी का लक्ष्य एक करोड़ हस्ताक्षर इकट्ठा कर राज्यपाल और सरकार को सौंपना है। प्रशांत किशोर ने चेतावनी दी कि यदि सरकार ने इन सवालों का संतोषजनक उत्तर नहीं दिया, तो जन सुराज विधानसभा सत्र के दौरान विधानसभा का घेराव करेगी।
40,000 राजस्व गांवों में हस्ताक्षर अभियान शुरू करेगा।
बता दें कि पूर्व चुनावी रणनीतिकार ने दलित और महादलित समुदायों के सदस्यों को तीन डिसमिल जमीन मुहैया करने संबंधी वादे को लेकर भी सरकार से जवाब मांगा। पत्रकारों से बात करते हुए किशोर ने कहा, अगर राज्य की राजग सरकार हमारी तीन मांगें नहीं मानती है तो जन सुराज 11 मई से राज्य के 40,000 राजस्व गांवों में हस्ताक्षर अभियान शुरू करेगा। प्रशांत किशोर ने कहा कि नीतीश सरकार का इकबाल ख़त्म है। जिस सरकार को मंत्री की पहचान नहीं है, उससे क़ानून व्यवस्था की क्या उम्मीद करेंगे। बिहार में क्राइम के दो बड़े कारण है, शराबबंदी और भूमि सर्वे। प्रशासन का बड़ा हिस्सा शराब छिपाने और बनाने में लगा हुआ है। पैसे वाले शराब माफिया बनकर लूट कर रहे हैं। सूखा नशा इतना बढ़ा है कि 'उड़ता पंजाब' के तर्ज पद जल्द 'उड़ता बिहार' बनेगा।