बिहार राज्य महिला आयोग करेगा सभी गर्ल्स हॉस्टल का सर्वे, सुरक्षा और पोषण पर फोकस, चुनाव बाद तैयार होगा शेड्यूल
बिहार विधानसभा चुनाव खत्म होने के बाद अब बिहार राज्य महिला आयोग राजधानी पटना के सभी गर्ल्स हॉस्टल्स का औचक निरीक्षण करने जा रहा है। यह कदम छात्राओं की सुरक्षा, पोषण और रहने की व्यवस्था की जांच के लिए उठाया गया है। आयोग की अध्यक्ष अप्सरा मिश्रा ने कहा कि यह अभियान चुनाव परिणाम आने के तुरंत बाद शुरू किया जाएगा। उन्होंने बताया कि आयोग की टीम सरकारी और गैर-सरकारी हॉस्टल्स का दौरा करेगी, जहां छात्राओं....
बिहार विधानसभा चुनाव खत्म होने के बाद अब बिहार राज्य महिला आयोग राजधानी पटना के सभी गर्ल्स हॉस्टल्स का औचक निरीक्षण करने जा रहा है। यह कदम छात्राओं की सुरक्षा, पोषण और रहने की व्यवस्था की जांच के लिए उठाया गया है। आयोग की अध्यक्ष अप्सरा मिश्रा ने कहा कि यह अभियान चुनाव परिणाम आने के तुरंत बाद शुरू किया जाएगा। उन्होंने बताया कि आयोग की टीम सरकारी और गैर-सरकारी हॉस्टल्स का दौरा करेगी, जहां छात्राओं से सीधे बातचीत कर उनकी समस्याएं सुनी जाएंगी। राजधानी में कई बेटियां अपने सपनों को पूरा करने के लिए दूर-दूर से आती हैं। हमारा फर्ज है कि वे सुरक्षित माहौल में रहें।
औचक निरीक्षण की पूरी योजना तैयार
महिला आयोग ने साफ किया है कि निरीक्षण पटना यूनिवर्सिटी के कॉलेज हॉस्टल्स से शुरू होगा। इसके बाद अन्य निजी और सरकारी हॉस्टल्स में भी टीम जाएगी। आयोग हर हॉस्टल में जाकर सुरक्षा व्यवस्था, पोषण की गुणवत्ता, और शिकायत तंत्र की स्थिति का जायजा लेगा।अप्सरा मिश्रा ने बताया कि आयोग के पास कई ऐसी शिकायतें आई हैं जिनमें महिला सुरक्षा की अनदेखी का आरोप लगा है।हालांकि हम मामलों का निष्पादन करते हैं, लेकिन कई ऐसे मामले भी है जो प्रत्यक्ष रूप से सामने नहीं आ पाते हैं।चुनाव के परिणाम आने के बाद हम एक शेड्यूल बनाएंगे, जिसमें किस दिन किस हॉस्टल में जाना है उसकी पूरी जानकारी रहेगी। प्रमुख रूप से हम शुरुआत पटना यूनिवर्सिटी के कॉलेज के हॉस्टल से करेंगे। उसके बाद अन्य हॉस्टल में भी जाएंगे।
महिला सहायता केंद्र भी बनेंगे
महिला आयोग ने यह भी तय किया है कि पटना शहर में महिला सहायता केंद्र स्थापित किए जाएंगे। इन केंद्रों के माध्यम से हॉस्टल में रहने वाली छात्राएं सीधे आयोग तक अपनी शिकायत पहुंचा सकेंगी। आयोग की अध्यक्ष ने कहा,हमारी कोशिश है कि छात्राएं अपनी सुरक्षा और अधिकारों को लेकर जागरूक हों। जो भी समस्या हो, वह छिपे नहीं बल्कि खुले तौर पर सामने आए। बता दें कि महिला आयोग की यह पहल बिहार में महिलाओं और छात्राओं की सुरक्षा को लेकर एक सकारात्मक और ठोस कदम माना जा रहा है। आयोग का मानना है कि इस निरीक्षण से न केवल हॉस्टल प्रशासन की जवाबदेही तय होगी, बल्कि छात्राओं में आत्मविश्वास और जागरूकता भी बढ़ेगी।













