राजधानी पटना में शराबबंदी का काला सच, सिविल सर्जन कार्यालय में चल रही थी शराब पार्टी

राजधानी पटना में शराबबंदी का काला सच, सिविल सर्जन कार्यालय में चल रही थी शराब पार्टी

PATNA DESK : बिहार में पूर्णता शराबबंदी है. यहां पर शराब बेचना खरीदना या इसका व्यापार करना यह पूरे तरीके से अवैध है. इसके लिए बिहार सरकार ने बहुत सख्त कानून भी बनाया है. लेकिन इसके बावजूद भी यहां पर शराबबंदी का कोई भी खास असर देखने को नहीं मिलता है. बिहार में शराबबंदी का एक पूरा उद्योग चलता है. गैर कानूनी तरीके से इसकी खरीद बिक्री की जाती है .इसको रोक पाने में बिहार सरकार विफल साबित हो रही है.

 

अभी ताजा मामला राजधानी पटना से आ रही है. जहां पर सिविल सर्जन के कार्यालय में शराब पार्टी चल रही थी. आप सोच सकते हैं की जब सिविल सर्जन के कार्यालय में पार्टी चल सकती है तो बाकी जगह की क्या बात की जा सकती है. आप इसी से सहज अंदाजा लगा लीजिए कि, बिहार में शराबबंदी कानून कितना सही ढंग से लागू हुआ है. इसके लिए माननीय मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को जरूर सोचना चाहिए कि उनके इस शराबबंदी से किन को फायदा हो रहा है. मिली जानकारी के अनुसार राजधानी पटना के फुलवारी शरीफ में सिविल सर्जन कार्यालय का गेट बंद कर शराब पार्टी कुछ लोग कर रहे थे. इस बात की सूचना जैसे ही पुलिस को मिली पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए. वहां छापेमारी की जिसमें दो लोगों को गिरफ्तार किया गया. बाकी लोग भागने में सफल रहे. जब दोनों की जांच की गई तो एक व्यक्ति के शराब पीने होने की पुष्टि की गई जो सिविल सर्जन कार्यालय में ही कार्यरत है. जबकि दूसरे को शराब पीने की पुष्टि नहीं हुई तो पुलिस ने उसे छोड़ दिया.

 

इस मामले में गर्दनीबाग थाना अध्यक्ष रंजीत कुमार ने बताया कि, शराब पीए होने की पुष्टि के बाद एक को गिरफ्तार कर लिया गया, जबकि दूसरे को थाने से छोड़ दिया गया. लोगों ने सूचना दी थी कि, सिविल सर्जन कार्यालय का गेट बंद कर अंदर कर्मचारी शराब की पार्टी प्रतिदिन करते हैं. आज भी पार्टी कर रहे हैं इस सूचना पर छापामारी की गई. उन्होंने आगे यह भी बताया कि, गेट बंद होने के कारण कुछ लोग भाग निकले साक्ष्य मिलने पर उन्हें भी गिरफ्तार किया जाएगा. वहीं, सिविल सर्जन ने कहा कि, सीसीटीवी कैमरे से घटना की जांच की जाएगी. दोषी पाए जाने वाले कर्मचारी के खिलाफ नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी.

 

REPORT – KUMAR DEVANSHU