पटना इस्कॉन मंदिर की तीसरी वर्षगांठ पर भव्य आयोजन, रूस-बांग्लादेश से पहुंचेंगे श्रद्धालु, 28 से 30 अप्रैल तक होगा कार्यक्रम

राजधानी पटना के बुद्धमार्ग स्थित इस्कॉन मंदिर की तीसरी वर्षगांठ पर भव्य आयोजन होने वाला है। इस आयोजन से राजधानी पटना में एक बार फिर भक्ति और अध्यात्म की लहर गूंजने वाली है। इस्कॉन मंदिर की स्थापना और श्री श्री राधा-बांके बिहारी जी की प्राण प्रतिष्ठा की तीसरी वर्षगांठ को ब्रह्मोत्सव और कीर्तन मेला के रूप में मनाया जाएगा। यह आयोजन अप्रैल महीने के  28, 29 और 30 तारीख को होगा।..

पटना इस्कॉन मंदिर की तीसरी वर्षगांठ पर भव्य आयोजन, रूस-बांग्लादेश से पहुंचेंगे श्रद्धालु, 28 से 30 अप्रैल तक होगा कार्यक्रम

राजधानी पटना के बुद्धमार्ग स्थित इस्कॉन मंदिर की तीसरी वर्षगांठ पर भव्य आयोजन होने वाला है। इस आयोजन से राजधानी पटना में एक बार फिर भक्ति और अध्यात्म की लहर गूंजने वाली है। इस्कॉन मंदिर की स्थापना और श्री श्री राधा-बांके बिहारी जी की प्राण प्रतिष्ठा की तीसरी वर्षगांठ को ब्रह्मोत्सव और कीर्तन मेला के रूप में मनाया जाएगा। यह आयोजन अप्रैल महीने के  28, 29 और 30 तारीख को होगा।

हजारों श्रद्धालुओं के शामिल होने की संभावना 

मंदिर प्रशासन की ओर से कहा गया कि यह अवसर केवल एक वार्षिकोत्सव नहीं, बल्कि एक आध्यात्मिक महाकुंभ बनने जा रहा है, जहां देश-विदेश से हजारों श्रद्धालुओं के शामिल होने की संभावना है। मायापुर धाम (पश्चिम बंगाल) सहित अमेरिका, रूस, बांग्लादेश, नेपाल और भारत के विभिन्न कोनों से कीर्तन सेवक, संन्यासी और वैकुंठवासी भक्तगण पटना पधारेंगे। इस भव्य आयोजन की गरिमा को और बढ़ाएंगे इस्कॉन बिहार-झारखंड के क्षेत्रीय सचिव एच.जी. नारू गोपाल प्रभुजी भी उपस्थित रहेंगे।

यह मंदिर 12 साल में बनकर तैयार हुआ 

गौरतलब हो कि 100 करोड़ की लागत से पटना के इस्कॉन मंदिर को तैयार किया गया था। तीन मंजिला इस मंदिर में 84 कमरे और 84 पिलर बनाए गए हैं। यह मंदिर 12 साल में बनकर तैयार हुआ है। 3 मई 2022 को इस मंदिर में बांके बिहारी की प्राण प्रतिष्ठा हुई थी। मंदिर परिसर में ही गोविंदा रेस्टोरेंट बनाया गया है जिसमें 56 प्रकार के शुद्ध शाकाहारी व्यंजन मिलते हैं। जानकारी के लिए बता दें कि इसके गर्भगृह में एक साथ पांच हजार लोगों के दर्शन एवं पूजन करने की व्यवस्था है। मथुरा और गुजरात के बाद पटना देश का तीसरा मंदिर होगा, जिसमें 84 खंभा पुरातन तकनीक का प्रयोग किया गया है। पूरे इस्कॉन मंदिर का निर्माण ताजमहल बनाने वाले कारीगरों के वंशजों द्वारा किया गया है। तो वहीं मंदिर में लगाया गया संगमरमर विश्व प्रसिद्ध उसी मरकाना का है, जिससे ताजमहल बने है।