परिवहन विभाग ने ऑटो चालकों से वसूले 7 .7 करोड़ रुपए, नहीं जारी किया परमिट, इस दिन होगा हड़ताल
बिहार में एक बार फिर से परिवहन विभाग की बड़ी लापरवाही सामने आई है। परिवहन विभाग ने ऑटो चालकों से 7.7 करोड़ रुपए वसूल तो लिए हैं लेकिन अब तक परमिट जारी नहीं किया है। वहीं सरकार ने साफ कर दिया है कि बिना परमिट वाले ऑटो पर सड़क पर नहीं चलेंगे। वर्तमान में ज्यादातर ऑटो सिर्फ परमिट की रसीद के आधार पर चल रहे हैं। ऑटो चालकों और मालिकों...

बिहार में एक बार फिर से परिवहन विभाग की बड़ी लापरवाही सामने आई है। परिवहन विभाग ने ऑटो चालकों से 7.7 करोड़ रुपए वसूल तो लिए हैं लेकिन अब तक परमिट जारी नहीं किया है। वहीं सरकार ने साफ कर दिया है कि बिना परमिट वाले ऑटो पर सड़क पर नहीं चलेंगे। वर्तमान में ज्यादातर ऑटो सिर्फ परमिट की रसीद के आधार पर चल रहे हैं। ऑटो चालकों और मालिकों में इसे लेकर भारी नाराजगी है। उनका कहना है कि हर ऑटो से करीब 5,500 रुपये वसूले गए लेकिन परमिट नहीं मिला। अब परमिट की मांग और अन्य समस्याओं को लेकर 20 मई को 25,000 ऑटो और 10,000 ई-रिक्शा सड़कों से नदारद रहेंगे। पटना में 20 मई को ऑटो और ई-रिक्शा की ओर से हड़ताल का ऐलान किया गया है।
सीएनजी ऑटो बिना परमिट के सड़कों पर दौड़ रहे
दरअसल, पटना में पिछले 10 सालों से हजारों सीएनजी ऑटो बिना परमिट के सड़कों पर दौड़ रहे हैं। यदि परिवहन विभाग सख्ती से जांच कराए तो करीब 50 फीसदी ऑटो शहर से बाहर हो सकते हैं। जानकारी के अनुसार, वर्ष 2015 से लेकर मार्च 2025 तक शहर में लगभग 14,000 सीएनजी ऑटो का रजिस्ट्रेशन हुआ है। जिनसे करीब 7 करोड़ 70 लाख रुपये परमिट शुल्क के रूप में वसूले गए हैं। हालांकि, इतने वर्षों में विभाग ने केवल 2019 में 1,500 ऑटो को ही परमिट जारी किया। उसके बाद यह प्रक्रिया बंद कर दी गई।
विभाग ने परमिट देना ही बंद कर दिया है-पप्पू यादव
वहीं ऑल इंडिया रोड ट्रांसपोर्ट फेडरेशन के महासचिव राज कुमार झा ने बताया कि ऑटो मालिक जब परमिट के लिए विभाग में जाते है तो उन्हें "ग्रामीण परमिट" देने की बात कही जाती है, जबकि शहर में वे कहां चलाएंगे, यह स्पष्ट नहीं किया जाता। पटना ऑटो रिक्शा चालक संघ के अध्यक्ष पप्पू यादव ने सीएनजी ऑटो एजेंसियों और परिवहन विभाग दोनों को दोषी ठहराया। उनका कहना है कि एजेंसियां शहरी परमिट का भरोसा देकर ऑटो बेच रही हैं, जबकि विभाग ने परमिट देना ही बंद कर दिया है। डीटीओ उपेंद्र कुमार पाल का कहना है कि जल्द ही जोन और रूट के अनुसार ऑटो का परिचालन सुनिश्चित किया जाएगा और जरूरत के अनुसार परमिट भी जारी किए जाएंगे।