खेसारीलाल यादव बोले- मैं अब इस मिट्टी का हूं.. लोगों की सेवा करूंगा, निर्दलीय प्रत्याशी ने किया पलटवार
भोजपुरी सिनेमा के सुपर स्टार और राजनीति में कदम रख चुके खेसारीलाल यादव ने बाहरी उम्मीदवार कहे जाने पर पहली बार खुलकर प्रतिक्रिया दी है। छपरा विधानसभा सीट से चुनाव लड़ रहे खेसारीलाल ने स्पष्ट शब्दों में कहा "मैं अब खुद को छपरा का ही निवासी मानता हूं। यहां जमीन ली है, घर बनाऊंगा और यहीं लोगों की सेवा करूंगा...

भोजपुरी सिनेमा के सुपर स्टार और राजनीति में कदम रख चुके खेसारीलाल यादव ने बाहरी उम्मीदवार कहे जाने पर पहली बार खुलकर प्रतिक्रिया दी है। छपरा विधानसभा सीट से चुनाव लड़ रहे खेसारीलाल ने स्पष्ट शब्दों में कहा "मैं अब खुद को छपरा का ही निवासी मानता हूं। यहां जमीन ली है, घर बनाऊंगा और यहीं लोगों की सेवा करूंगा।"खेसारीलाल यादव ने जानकारी दी कि उन्होंने तीन साल पहले ही छपरा के सांढा इलाके में 3 कट्ठा जमीन खरीदी थी और अब उन्होंने तय किया है कि उसी जमीन पर अपना घर बनाएंगे।उन्होंने कहा "जो लोग मुझे बाहरी कह रहे हैं, उन्हें बताना चाहता हूं कि मैं अब इस मिट्टी का हूं। यहां घर बनाऊंगा और हर महीने समय बिताऊंगा।"
राजनीति, फिल्म और परिवार—सबको करेंगे संतुलित
खेसारीलाल ने कहा कि वे राजनीति, परिवार और फिल्मी करियर के बीच तालमेल बखूबी बैठा सकते हैं। उन्होंने योजना साझा करते हुए बताया कि वे और उनकी पत्नी बारी-बारी से छपरा में 15-15 दिन रहेंगे, ताकि जनता से सीधा संवाद और जुड़ाव बना रहे।बता दें कि उनका यह बयान छपरा की सियासत में नई बहस को जन्म दे गया है। जहां एक तरफ उनके समर्थक इसे “जमीन से जुड़ाव और दिल का रिश्ता” बता रहे हैं, वहीं विरोधी इसे “चुनावी रणनीति” करार दे रहे हैं।
छपरा में फिल्म सिटी बन सकती है” – खेसारीलाल यादव
खेसारी ने छपरा के बिनटोलिया इलाके में फिल्म सिटी की संभावनाओं पर भी बात की। उन्होंने कहा कि क्षेत्र में फिल्म निर्माण को बढ़ावा देने के लिए आवश्यक संसाधन और ज़मीन उपलब्ध है, और वे इसके लिए गंभीरता से प्रयास करेंगे।"छपरा में फिल्म इंडस्ट्री को स्थापित किया जा सकता है। इससे स्थानीय लोगों को रोजगार मिलेगा और क्षेत्र का विकास होगा।
राजनीतिक कटाक्ष भी शुरू
वहीं खेसारीलाल यादव के "हर महीने 15 दिन रहने" के बयान पर निर्दलीय प्रत्याशी राखी गुप्ता ने कटाक्ष करते हुए कहा "जनता को तय करना है कि उन्हें 15 दिन वाला विधायक चाहिए या पूरा महीना समर्पित रहने वाला नेता।"बता दें कि इस बयान के बाद से राजनीतिक बहस और तेज हो गई ।चुनावी पंडितों का मानना है कि खेसारीलाल यादव का यह ‘भावनात्मक जुड़ाव’ उनके फिल्मी फैन बेस को वोटबैंक में बदल सकता है, लेकिन स्थानीय उम्मीदवारों की चुनौती को नज़रअंदाज़ नहीं किया जा सकता।अब देखना यह है कि ‘छपरा से दिली रिश्ता’ और विकास की योजनाएं खेसारीलाल यादव को इस चुनाव में कितनी बढ़त दिला पाती हैं