बिहार चुनाव से पहले मांझी का बयान, शराब पीने वालों को मिले माफी.....माफियाओं पर हो कार्रवाई
बिहार में शराबबंदी कानून को लेकर सियासत एक बार फिर गर्म हो गई है। हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (HAM) के प्रमुख और केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी ने बुधवार को बड़ा बयान देते हुए मांग की कि सरकार शराबबंदी कानून के तहत पकड़े गए छोटे उपभोक्ताओं को माफ करे।मांझी ने कहा कि पुलिस माफियाओं के बजाय छोटे-मोटे उपभोक्ताओं को निशाना बना रही है, जो ...

बिहार में शराबबंदी कानून को लेकर सियासत एक बार फिर गर्म हो गई है। हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (HAM) के प्रमुख और केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी ने बुधवार को बड़ा बयान देते हुए मांग कि शराब पीने के लिए पकड़े गए लोगों या जिन पर मुकदमा दर्ज हुआ है, उन्हें सरकार माफ कर दें। उन्होंने कहा कि पुलिस माफियाओं के बजाय छोटे-मोटे उपभोक्ताओं को निशाना बना रही है, जो गलत है।
जीतन राम मांझी ने कहा........
जीतन राम मांझी ने कहा, “विधानसभा चुनाव से पहले सरकार को उन लोगों के लिए माफी की घोषणा करनी चाहिए, जो थोड़ा-बहुत शराब पीने के कारण पकड़े गए या जिन पर मुकदमा दर्ज हुआ है। पुलिस अपना पाप छुपाने के लिए माफियाओं को छोड़कर छोटे पीने वालों को पकड़ रही है।” उन्होंने जोर देकर कहा कि शराबबंदी की तीसरी समीक्षा में यह स्पष्ट है कि शराब पीने या ले जाने वालों को नहीं पकड़ा जाना चाहिए। इसके बजाय, हजारों लीटर शराब बनाने और तस्करी करने वाले माफियाओं के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए।
हम शराबबंदी के खिलाफ नहीं हैं-मांझी
जीतन राम मांझी ने आगे कहा कि हम शराबबंदी के खिलाफ नहीं हैं, लेकिन इसका गलत तरीके से लागू होना चिंता का विषय है। पुलिस को माफियाओं पर नकेल कसनी चाहिए, न कि गरीब और सामान्य लोगों को परेशान करना चाहिए। बिहार में 2016 से लागू शराबबंदी कानून नीतीश कुमार सरकार की एक प्रमुख पहल रही है, लेकिन इसे लेकर विवाद कम नहीं हुआ।
पॉलिटिकल टाइमिंग
बता दें कि यह बयान उस वक्त आया है, जब बिहार में विधानसभा चुनाव की तैयारियाँ तेज़ हैं। वहीं विपक्ष पहले से शराबबंदी को नाकाम बताकर सरकार को घेर रहा है। अब मांझी के बयान ने जेडीयू-बीजेपी गठबंधन और विपक्षी महागठबंधन दोनों के बीच बहस को और गरमा दिया है। बता दें, मांझी ने पहले भी शराबबंदी की समीक्षा की मांग की थी और दावा किया था कि इस कानून के कारण करीब 4-5 लाख गरीब लोग जेल गए हैं। उनके इस ताजा बयान ने सियासी गलियारों में हलचल मचा दी है।बता दें, 2022 में हुई समीक्षा के बाद कानून में कुछ ढील दी गई थी, जिसमें शराब पीने वालों के लिए जुर्माने का प्रावधान जोड़ा गया था। मांझी ने कहा, “सरकार को अपनी नीति पर अमल करना चाहिए और माफियाओं के खिलाफ सख्ती दिखानी चाहिए। हजारों लीटर शराब की तस्करी करने वालों को छोड़कर पुलिस छोटे लोगों को क्यों पकड़ रही है?”