अब हर रविवार सड़कें होंगी शांत – शुरू हुआ ‘हॉर्न फ्री डे’अभियान
बिहार में अब हर रविवार ‘हॉर्न फ्री डे’ के रूप में मनाया जाएगा। परिवहन विभाग ने यह नई पहल साउंड पॉल्यूशन को नियंत्रित करने और लोगों को शांत वातावरण उपलब्ध कराने के उद्देश्य से शुरू की है। विभाग ने वाहन चालकों और आम नागरिकों से इस अभियान में सहयोग की अपील की है।परिवहन विभाग के मुताबिक, बिना वजह हॉर्न बजाना न सिर्फ कानों को नुकसान पहुंचाता है बल्कि शहरों में साउंड पॉल्यूशन का स्तर भी बढ़ा देता है। लगातार शोर से लोगों को मानसिक अशांति, नींद की कमी, तनाव और उच्च रक्तचाप....

बिहार में अब हर रविवार ‘हॉर्न फ्री डे’ के रूप में मनाया जाएगा। परिवहन विभाग ने यह नई पहल साउंड पॉल्यूशन को नियंत्रित करने और लोगों को शांत वातावरण उपलब्ध कराने के उद्देश्य से शुरू की है। विभाग ने वाहन चालकों और आम नागरिकों से इस अभियान में सहयोग की अपील की है।परिवहन विभाग के मुताबिक, बिना वजह हॉर्न बजाना न सिर्फ कानों को नुकसान पहुंचाता है बल्कि शहरों में साउंड पॉल्यूशन का स्तर भी बढ़ा देता है। लगातार शोर से लोगों को मानसिक अशांति, नींद की कमी, तनाव और उच्च रक्तचाप जैसी गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं।इसीलिए राज्य में रविवार को ‘हॉर्न फ्री डे’ लागू कर लोगों को शांति का अनुभव कराने की पहल की गई है।
विभाग की अपील
परिवहन विभाग ने नागरिकों और वाहन चालकों से इस अभियान में सहयोग की अपील करते हुए कहा कि लोग रविवार को अनावश्यक रूप से हॉर्न का इस्तेमाल न करें और यातायात नियमों का पालन करें। विभाग का मानना है कि यदि लोग इसमें सक्रिय रूप से भाग लेंगे तो शहर में एक स्वस्थ और शांत वातावरण तैयार किया जा सकेगा।'हॉर्न फ्री डे' के तहत विभाग जागरुकता अभियान भी चलाएगा। स्कूल, कॉलेज, सामाजिक संस्थाएं और स्वयंसेवी संगठन इसमें शामिल होंगे ताकि अधिक से अधिक लोग इस मुहिम से जुड़ सकें। पोस्टर, बैनर, सोशल मीडिया और जनसभाओं के जरिए नागरिकों को साउंड पॉल्यूशन के दुष्प्रभाव और इससे बचाव के उपाय बताए जाएंगे।
असर और उम्मीद
बता दें कि यह अभियान केवल हॉर्न बजाने पर रोक लगाने के लिए नहीं है, बल्कि लोगों को साउंड पॉल्यूशन के खतरों से जागरूक करने का प्रयास भी है। विभाग का मानना है कि धीरे-धीरे यह एक आदत का हिस्सा बन सकता है। इससे सड़कों पर अनुशासन बढ़ेगा और सुरक्षित यातायात संस्कृति विकसित होगी। अभियान के जरिए यह संदेश दिया जा रहा है कि अनावश्यक हॉर्न बजाने की आदत को खत्म करना जरूरी है। परिवहन विभाग का यह भी मानना है कि इस अभियान को सफल बनाने में सबसे बड़ी भूमिका आम जनता की होगी। यदि लोग स्वयं जागरूक होकर रविवार को हॉर्न बजाने से परहेज करेंगे तो धीरे-धीरे यह एक आदत का हिस्सा बन जाएगा। इससे शहरों का शोर घटेगा और लोगों को एक बेहतर वातावरण मिलेगा।