तेज प्रताप यादव ने पूर्व IPS अमिताभ दास पर दर्ज कराई FIR,निजी टिप्पणियों पर बढ़ा विवाद
बिहार की राजनीति एक बार फिर विवादों की आंच में है। जनशक्ति जनता दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष तेज प्रताप यादव ने गुरुवार को पूर्व IPS अधिकारी अमिताभ कुमार दास के खिलाफ सचिवालय थाना में प्राथमिकी दर्ज कराई। तेज प्रताप ने इसकी जानकारी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर साझा करते हुए कहा कि डिजिटल माध्यमों पर दास द्वारा की गई कथित आपत्तिजनक और मनगढ़ंत.....
बिहार की राजनीति एक बार फिर विवादों की आंच में है। जनशक्ति जनता दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष तेज प्रताप यादव ने गुरुवार को पूर्व IPS अधिकारी अमिताभ कुमार दास के खिलाफ सचिवालय थाना में प्राथमिकी दर्ज कराई। तेज प्रताप ने इसकी जानकारी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर साझा करते हुए कहा कि डिजिटल माध्यमों पर दास द्वारा की गई कथित आपत्तिजनक और मनगढ़ंत टिप्पणियों से वे बेहद आहत हैं।तेज प्रताप यादव ने आरोप लगाया कि अमिताभ दास ने उनके निजी जीवन से जुड़े मुद्दों पर गलत, आधारहीन और मानहानिकारक बातें प्रसारित कीं। उन्होंने कहा यह न सिर्फ निजी गोपनीयता का उल्लंघन है, बल्कि एक पूर्व वरिष्ठ अधिकारी के लिए भी अत्यंत अनुचित आचरण है।
पुराने विवाद का भी उल्लेख
तेज प्रताप के अनुसार, दास की टिप्पणियां उदंड, दुर्भावनापूर्ण और उनकी सार्वजनिक छवि को नुकसान पहुंचाने वाली हैं, जिसके चलते उन्हें कानूनी कार्रवाई करनी पड़ी।तेज प्रताप ने अपने पोस्ट में संकेत दिया कि अमिताभ दास का नाम पहले भी विवादों में रहा है। उन्होंने शबनम कांड का उदाहरण देते हुए कहा कि दास का आचरण पहले भी सवालों के घेरे में रहा था। (हालांकि, इस मामले में दास को सुप्रीम कोर्ट से क्लीन चिट मिल चुकी है।)
आवास विवाद से शुरू हुआ मामला
गौरतलब है कि तेज प्रताप अब विधायक नहीं हैं, जिसके चलते उनका सरकारी आवास—26 स्ट्रैंड रोड—नए मंत्री लखेंद्र कुमार रोशन को आवंटित कर दिया गया। इसी मुद्दे पर एक मीडिया चैनल से बात करते हुए अमिताभ दास ने तेज प्रताप के निजी जीवन पर टिप्पणी की, जिसके बाद विवाद भड़क उठा। बता दें कि अमिताभ दास 1994 बैच के बिहार कैडर के IPS अधिकारी रहे हैं।साल 2018 में उन्हें अनफिट बताते हुए समय से पहले रिटायर कर दिया गया था। वर्तमान समय में वे एक यूट्यूब चैनल चलाते हैं और राजनीतिक-सामाजिक मुद्दों पर टिप्पणी करते रहते हैं।
राजनीतिक हलकों में तेज हलचल
तेज प्रताप द्वारा एफआईआर दर्ज कराए जाने के बाद राजनीतिक और प्रशासनिक गलियारों में हलचल तेज हो गई है। अब सबकी निगाहें इस बात पर टिकी हैं कि पुलिस की आगे की रणनीति क्या होगी क्या विवाद यहीं शांत होगा या आने वाले दिनों में बिहार की सियासत और गरमाएगी?













