तेजस्वी की गैरहाज़िरी पर राजनीति तेज,नित्यानंद राय का करारा हमला, मांझी बोले—शर्म के कारण सत्र में शामिल नहीं हुए
बिहार विधानसभा सत्र के दौरान पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव के यूरोप जाने पर केंद्रीय मंत्री नित्यानंद राय ने कड़ा हमला बोला है। राय ने कहा कि तेजस्वी यादव न केवल सदन से, बल्कि अब बिहार की राजनीति से भी लगातार नदारद रहने लगे हैं।नित्यानंद राय का कहना है कि तेजस्वी यादव का बार-बार बिहार से बाहर रहना यह दर्शाता है कि उनका बिहार और यहां के लोगों से जुड़ाव ....
बिहार विधानसभा सत्र के दौरान पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव के यूरोप जाने पर केंद्रीय मंत्री नित्यानंद राय ने कड़ा हमला बोला है। राय ने कहा कि तेजस्वी यादव न केवल सदन से, बल्कि अब बिहार की राजनीति से भी लगातार नदारद रहने लगे हैं।नित्यानंद राय का कहना है कि तेजस्वी यादव का बार-बार बिहार से बाहर रहना यह दर्शाता है कि उनका बिहार और यहां के लोगों से जुड़ाव कम होता जा रहा है। उन्होंने आरोप लगाया कि “बिहार की जनता सब देख रही है। तेजस्वी अक्सर अपना अधिकतर समय बिहार से बाहर ही बिताते हैं। कोरोना काल में भी वे बिहार छोड़कर चले गए थे, और कई बार बाढ़ जैसी गंभीर स्थिति में भी जनता को छोड़कर विदेश या दिल्ली चले जाते हैं।”
आपदा के समय गायब हो जाते हैं – नित्यानंद राय
केंद्रीय मंत्री ने आरोप लगाया कि जब भी बिहार किसी आपदा, विपत्ति या चुनौती से जूझता है, तेजस्वी यादव राज्य से दूर हो जाते हैं। उन्होंने कहा कि ऐसे व्यवहार से यह प्रतीत होता है कि तेजस्वी का बिहारियों पर भरोसा कमजोर पड़ गया है, और अब बिहार की जनता का भी लालू परिवार, महागठबंधन और आरजेडी से विश्वास उठ रहा है।वहीं विधान मंडल के पांच दिवसीय सत्र में तेजस्वी यादव की अनुपस्थिति को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी ने भी कड़ी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि जनता ने तेजस्वी को जो जनादेश दिया था, उसके अनुसार उन्हें सदन में उपस्थित रहकर अपनी ज़िम्मेदारी निभानी चाहिए थी।मांझी ने कहा, “मुझे लगता है कि शर्म और लज्जा के कारण ही वह इस सत्र में शामिल नहीं हुए।”
मांझी ने बुलडोजर एक्शन पर कहा...
वहीं जीतनराम मांझी ने बुलडोजर एक्शन पर कहा कि, अतिक्रमण जो हुआ है वह गलत है और जो नोटिस देकर हटाया जा रहा है वो सही है लेकिन एक बात है कि सुप्रीम कोर्ट ने भी कहा है कि जब तक आप उनको रहने के लिए वैकल्पिक इंतजाम ना कर दें तब तक उनको ना हटाएं। सुनने में आया है कि बिहार सरकार उनको बसाने का काम एक्टिवली कर रहे है लेकिन चीज जरूर कहेंगे कि बुलडोजर जो चल रहा है वो सड़कों पर अगल-बगल जो छोटे-मोटे लोग कारोबारी हैं उनको हटाया जा रहे हैं।मांझी के मुताबिक अतिक्रमण हटाना गलत नहीं है लेकिन इसकी शुरुआत उन बड़े कब्जाधारियों से होनी चाहिए जो सरकारी जमीन पर अवैध रूप से मॉल और विशाल इमारतें खड़ी किए हुए हैं ।पहले बड़े बड़े मॉल और उच्चस्तरीय अतिक्रमण हटाए जाते उसके बाद दलितों की बस्तियों पर कार्रवाई होती तो यह अधिक न्यायसंगत होता।













