5 करोड़ की संपत्ति किसकी, खुद पटना डीटीओ की या डीटीओ के ड्राइवर ब्रजेश यादव की

5 करोड़ की संपत्ति किसकी, खुद पटना डीटीओ की या डीटीओ के ड्राइवर ब्रजेश यादव की

PATNA : आज जानेंगे कि, पटना के पूर्व DTO श्रीमान श्री प्रकाश और वर्तमान में दरभंगा के DTO के ड्राइवर ब्रजेश यादव जी पिछले 4 से 5 सालों में कैसे बन गए? लगभग 5 करोड़ के संपत्ति का मालिक. इस भ्रष्टाचार के गौरवगाथा की शुरुआत होती है, श्रीमान श्री प्रकाश जी के बेगूसराय में डीटीओ के पद पर पदस्थापन से. जहां पर पहली दफा वर्तमान में दरभंगा DTO और तब के बेगूसराय के DTO साहब की मुलाकात ब्रजेश यादव से बेगूसराय DTOऑफिस में होती है. DTO साहब की मुलाकात बृजेश यादव से बेगूसराय DTO ऑफिस में होती है. इस कलंक कथा की शुरुआत पटना नहीं बेगूसराय डीटीओ ऑफिस से ही ब्रजेश यादव के साथ जुड़े हुए हैं. बेगूसराय के जिला परिवहन कार्यालय से ही श्री श्री प्रकाश सर और ब्रजेश यादव के दिल ऐसे मिले जब श्री श्री प्रकाश जी का पटना डीटीओ के पद पर प्रतिस्थापन हुआ तब वह श्री ब्रजेश यादव को बेगूसराय से पटना अपने साथ लेते आए. अब ऐसा करना उनकी कौन सी मजबूरी थी कि भावना से वशीभूत होकर उन्होंने ऐसा किया. यह भी एक जांच का विषय है. लोगों का कहना है कि, बेगूसराय डीटीओ ऑफिस से ही भ्रष्टाचार और अवैध धन की उगाही का श्री प्रकाश जी के लिए एकमात्र स्रोत ब्रजेश यादव बनकर उभरा था. पटना प्रतिस्थापन के बाद नाजायज तरीके से पहुंचने का एकमात्र रास्ता ब्रजेश यादव से होकर गुजरने लगा. श्री श्री प्रकाश जी के पटना DTO बनने के बाद श्री ब्रजेश यादव और श्री सुधांशु दुबे दो सबसे विश्वसनीय उनके लिए अवैध कमाई का उगाही करने वाले एवं उनके अवैध कमाई को खपाने वाले भी बनकर उभरे. श्री ब्रजेश यादव का DTO ऑफिस पटना में कार्यरत दलालों से DTO साहब के लिए पैसे की उगाही करना था और उनको सही सलामत DTO के बताए हुए ठिकाने पर पहुंचना है. यह काम वह पिछले चार-पांच सालों से कर रहा है. ऐसा संबंधित जिला परिवहन कार्यालय के स्टाफ और दलाल दबी जुबान से कहते हैं- ऑफ कैमरा सभी इन बातों को स्वीकार करते हैं और कैमरा खोलते हैं कि भैया मेरा रोजी-रोटी है. हम कैमरे के सामने नहीं बोल सकते हैं. मजेदार बात यह है कि, श्री श्री प्रकाश जी गाड़ी का प्रयोग अजय डीटीओ कर रहे थे. वह गाड़ी प्राइवेट में पास है. ऐसे में क्या वह बताएंगे कि, इस गाड़ी के मालिक से उनका कैसा संबंध है? जब विभाग द्वारा पूर्व भाड़े पर गाड़ी रखने के लिए आदेश है तो फिर किसी व्यक्ति की यह प्राइवेट गाड़ी का प्रयोग वह कैसे और किसके अधिकार से कर रहे हैं. यह पूरा माना जाए की ब्रजेश यादव ही उनका अवैध कमाई का संरक्षक और पोषक है.

पटना DTO के ड्राइवर ब्रजेश यादव है जिनके ऊपर अतूक संपत्ति होने का खबर देशवा ट्रांसपोर्ट को मिला है. सबसे आश्चर्य की बात है कि, पटना DTO जिस गाड़ी पर चलते हैं, उस गाड़ी का नंबर BR01PM5077 है. इस गाड़ी का मालिक DTO साहब का ड्राइवर ब्रजेश यादव ही है. अब आप सहज ही अंदाजा लगा लीजिये कि, इस ड्राइवर के पीछे कितना पावरफुल लोगों का हाथ है, क्योंकि ब्रजेश यादव जिस गाड़ी का वह ड्राइवर है वह उस गाड़ी का मालिक भी है और इस गाड़ी पर पटना के DTO साहब चलते हैं. यह कोई इत्तेफाक नहीं हो सकता है. यह बहुत बड़े सेटिंग को दर्शाता है. जब देशवा ट्रांसपोर्ट के पत्रकार जिला ऑफिस पटना पहुंची तो रिपोर्टर को देखते ही DTO साहब के ड्राइवर पप्पू पांडेय ऐसे भागे जैसे गधे के सर से सींग. जब हमारे रिपोर्टर ने कार्यालय के परिषद में प्रवेश किया तो वहां कई बालू लदे ट्रैक्टर दिखे. देशवा ट्रांसपोर्ट के पास कुछ सूत्रों ने ड्राइवर ब्रजेश यादव के संपत्ति का विवरण साझा किया. जिसको देशवा ट्रांसपोर्ट ने भी बहुत गंभीरता से लिया. उसके बाद ही हम लोगों ने इस पेपर को आप लोगों के साथ साझा किया. ब्रजेश  यादव ने बहुत सारे जमीनों को खरीदा है. देशवा ट्रांसपोर्ट के पास एक तस्वीर भी सामने आई है, सूत्रों के द्वारा दी गई है. जिसमें ब्रजेश यादव का नवनिर्माण मकान दिखाया गया है, जो बहुत ही आलीशान है.

 

वही, देसवा ट्रांसपोर्ट के पास एक ऐसा वीडियो भी हाथ लगा है. जिसमें साफ देखा जा सकता है कि, ब्रजेश यादव जो DTO साहब के ड्राइवर है. वह एक टेम्पों  का चालान कर रहे हैं. जिसका नंबर BR01P8833 है. अब ये सोचने की बात है कि, कैसे ड्राइवर ब्रजेश यादव पटना DTO के आईडी के हैंड हैंडिल डिवाइज का इस्तेमाल कर रहा है और चालान कर रहा है यहां तो ये सवाल तो उठता है कि, ये डिवाइज ड्राइवर ब्रजेश यादव के पास आया कैसे? और किसने अथॉरिटी दी ड्राइवर ब्रजेश यादव को चालान करने की? ये बहुत ही गंभीर मुद्दा है विभाग और सरकार के लिए, इससे साफ जाहिर होता है कि, जो भी सूत्र DTO साहब के ड्राइवर ब्रजेश यादव के बारे में बता रहे हैं वह कहीं ना कहीं सही है.

आप आप अंदाजा लगाइए कि, एक DTO का ड्राइवर का इतना हनक, इतना पावर और इतना पैसा कहां से ला सकता है. नाम ना बताने की शर्त पर कुछ लोगों का कहना है कि, पिछले कुछ सालों में DTO साहब के ड्राइवर ब्रजेश यादव ने करीब 5 से 6 करोड रुपए कमाया है. देशवा ट्रांसपोर्ट बहुत जिम्मेदारी से इस खबर को दिखा रहा है. वही, लोग की विश्वसनीयता भ्रष्टाचार विषय में बिकुल ही खत्म हो गई है, क्योंकि इस खबर को पढ़ने वाला हरके व्यक्ति का वास्ता DTO ऑफिस से जरूर पड़ा होगा और उनको भी ये मालूम है कि, बिना घूसखोरी के किसी भी DTO ऑफिस के काम करा लेने का मतलब वही हुआ की जैसे बिना दहेज के किसी लड़की की शादी. 

REPORT - DESWA NEWS