झारखंड में ईडी की कार्रवाई रहेगी जारी, मनरेगा, खनन के बाद सड़क के रास्ते भवन पहुचेगी!
RAHUL KUMAR रांचीः मनरेगा घोटाले की जांच करने 6 मई को झारखंड पहुंची ईडी की IAS पूजा सिंघल के दर्जन भर से अधिक ठिकानों पर छापेमारी की गई. CA सुमन सिंह के घर से लगभग 19 करोड़ रुपए कैश बरामद हुए. पूछताछ हुई और पूजा सिघंल को ईडी ने कार्यालय बुलाया और पूछताछ के बाद […]
RAHUL KUMAR
रांचीः मनरेगा घोटाले की जांच करने 6 मई को झारखंड पहुंची ईडी की IAS पूजा सिंघल के दर्जन भर से अधिक ठिकानों पर छापेमारी की गई. CA सुमन सिंह के घर से लगभग 19 करोड़ रुपए कैश बरामद हुए. पूछताछ हुई और पूजा सिघंल को ईडी ने कार्यालय बुलाया और पूछताछ के बाद उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया, 11 मई से न्यायिक हिरासत में है. राज्य में सरकार किसी भी पार्टी की रही हो, लेकिन निलंबित IAS अधिकारी पूजा सिंघल हमेशा से प्रमुख पदों पर बनी रहती थी. ठीक उसी तरह झारखंड भवन निर्माण निगम के प्रबंध निदेशक IAS सुनील कुमार का मोह भवन, पथ निर्माण विभाग से नहीं छूट रहा है. यह मात्र संयोग है या किसी जिम्मेदार व्यक्ति का वरदहस्त प्राप्त है. बात उन दिनों की है, जब सुनील कुमार 2017 में भवन निर्माण के एमडी थे. विधानसभा का टेंडर हो गया था और काम भी चल रहा था. के.के. सोन पथ, भवन के साथ भूमि सुधार के सचिव थे, लेकिन इनसे रघुवर सरकार ने भवन का प्रभार वापस ले लिया था और IAS सुनील कुमार को प्रमोट कर भवन विभाग का सचिव बना दिया था. रघुवर का कार्यकाल खत्म होने तक सुनील कुमार को एक और परमिशन मिला, भवन के साथ पथ निर्माण विभाग का जिम्मा सौंप दिया गया. भवन निर्माण विभाग के ओर से बनाये जा रहे विधानसभा और हाईकोर्ट भवन में लगे आरोपों की जांच कर 14 अभियंताओं पर कार्रवाई की गई. लेकिन बड़े अधिकारियों पर किसी तरीके की आंच नहीं आयी, सरकार बदली, तो हेमंत सोरेन ने सुनील कुमार को वित्तीय एवं योजना विभाग में ऐसा पद दिया, जो आजतक किसी अधिकारी को नसीब नहीं हुआ. न तो बैठने के लिए कैबिन की व्यवस्था थी, ना ही चढ़ने के लिए वाहन, बड़ी मुश्किल से IAS सुनील कुमार ने योजना विभाग में अपने आपको मैनेज किया.
ऐसा क्या हुआ कि छः महीने में वापस मिला विभाग
IAS सुनील कुमार कि किस्मत का पासा ऐसा पलटा कि 6 महीने बाद ही उन्हें वही विभाग वापस सौप दिए गए. जिन विभागों की अगुआई पूर्ववर्ती सरकार में किया करते थे. जिन योजनाओं को लेकर हेमंत सोरेन भवन और पथ निर्माण विभाग पर आरोप लगाया करते थे. उसका जिम्मा फिर से आरोप लगने वाले अधिकारी सुनील कुमार को दे दिया गया भवन विभाग पर सिधे तैर पर आरोप लगता आ रहा है कि विधानसभा और हाईकोर्ट बनाने में बड़े पैमाने में पैसे की हेराफेरी हुई है. जिसपर ईडी की सीधे तौर पर नजर है.