ADG कुंदन कृष्णन ने किसान विवाद पर मांगी माफी, कहा- मेरे पूर्वज भी किसान.. . किसानों का सम्मान करता हूं

बिहार के ADG कुंदन कृष्णन ने शनिवार को अपने विवादित बयान को लेकर माफी मांगी है। उन्होंने स्पष्ट किया कि उनका इरादा किसानों का अपमान करने का नहीं था और अगर उनके शब्दों से किसी को ठेस पहुंची है, तो वह खेद प्रकट करते हैं।उन्होंने कहा कि बिहार की अधिकांश आबादी ग्रामीण क्षेत्रों में रहती है। मेरे पूर्वज भी किसान थे। मैं खुद भी खेती से जुड़ा हूं और किसानों का सम्मान करता....

ADG कुंदन कृष्णन ने किसान विवाद पर मांगी माफी, कहा- मेरे पूर्वज भी किसान.. . किसानों का सम्मान करता हूं

बिहार के ADG कुंदन कृष्णन ने शनिवार को अपने विवादित बयान को लेकर माफी मांगी है। उन्होंने स्पष्ट किया कि उनका इरादा किसानों का अपमान करने का नहीं था और अगर उनके शब्दों से किसी को ठेस पहुंची है, तो वह खेद प्रकट करते हैं।उन्होंने कहा कि बिहार की अधिकांश आबादी ग्रामीण क्षेत्रों में रहती है। मेरे पूर्वज भी किसान थे। मैं खुद भी खेती से जुड़ा हूं और किसानों का सम्मान करता हूं।

विवाद के बाद दी सफाई
बता दें कि  कुंदन कृष्णन के द्वारा दिए गए विवादित बयान के बाद सभी दल के नेताओं ने जमकर निशाना साधा था लेकिन बढ़ते विवाद के बीच उन्होंने माफी मांग ली है। एडीजी कुंदन कृष्णन ने कहा, “सभी किसान भाई को नमस्कार। पिछले दिनों आयोजित प्रेस कांफ्रेस में मेरे द्वारा कहे गए कुछ शब्दों को तोड़-मरोड़ के पेश किया गया। इससे एक विवाद खड़ा हुआ है। मेरे द्वारा जो कहा गया उसका तात्पर्य यह नहीं था कि मेरे देश के किसान भाई और हमारे अन्नदाता का किसी भी आपराधिक घटनाओं से लेना-देना है। वो मेरे लिए हमेशा सम्मान के पात्र हैं। मेरे पूर्वज भी किसान थे. ..मैं भी किसान समाज से गहरा संबंध रखता हूं।”

चिराग पासवान ने किया था विरोध
उन्होंने आगे कहा, “हर आपराधिक घटनाओं के पीछे अपराधी होता है। कोई जाति या धर्म विशेष नहीं होता है। मेरे मन में किसान के प्रति काफी आदर है लेकिन फिर अगर मेरे वक्तव्य के द्वारा किसी के मन को ठेस पहुंचा है तो मैं खेद प्रकट करता हूं। मैं माफी मांगता हूं।”। गौरतलब हो कि एडीजी द्वारा दिए गए विवादित बयान पर सवाल उठाते हुए एनडीए में शामिल चिराग पासवान ने कहा था, “बिहार पुलिस के ADG हेडक्वार्टर कुंदन कृष्णन का बयान अत्यंत निंदनीय और दुर्भाग्यपूर्ण है। हमारे अन्नदाता किसानों को अपरोक्ष रूप से हत्यारा बताना न सिर्फ उनके मान-सम्मान का अपमान है बल्कि उनके त्याग और परिश्रम का भी अनादर है।

ADG द्वारा दिया गया विवादित बयान
गौरतलब हो कि 16 जुलाई को ADG ने कहा था- 'अप्रैल, मई और जून में राज्य में अधिक हत्याएं होती रही हैं। पिछले कई सालों से यह ट्रेंड रहा है। जब तक बरसात नहीं होती है, तब तक ये सिलसिला जारी रहता है।''इस टाइम खेती नहीं होती है। किसान के पास काम नहीं होता है। ऐसे में वारदात हो जाती है। जब बरसात शुरू होती है तो किसान अपने काम में व्यस्त हो जाते हैं। ऐसे में घटनाएं कम हो जाती हैं।'