तेजस्वी के दरवाज़े पर बीजेपी MLA मिश्री लाल यादव!, टिकट के खेल से गरमाई सियासत
बिहार की सियासत में इस वक्त जबरदस्त हलचल मची हुई है। बीजेपी के विधायक मिश्री लाल यादव इन दिनों सुर्खियों में हैं, और वजह है उनका आरजेडी नेता और पूर्व डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव के सरकारी आवास के आस-पास दिखना। राजनीतिक गलियारों में यह चर्चा तेज़ हो चुकी है कि मिश्री लाल यादव, बीजेपी छोड़कर राजद का दामन थाम सकते हैं और आगामी विधानसभा चुनाव में आरजेडी के टिकट पर उतरने की तैयारी कर रहे हैं। हालांकि, अभी तक न तो मिश्री लाल यादव और न ही RJD की तरफ से इस पर ....

बिहार की सियासत में इस वक्त जबरदस्त हलचल मची हुई है। बीजेपी के विधायक मिश्री लाल यादव इन दिनों सुर्खियों में हैं, और वजह है उनका आरजेडी नेता और पूर्व डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव के सरकारी आवास के आस-पास दिखना। राजनीतिक गलियारों में यह चर्चा तेज़ हो चुकी है कि मिश्री लाल यादव, बीजेपी छोड़कर राजद का दामन थाम सकते हैं और आगामी विधानसभा चुनाव में आरजेडी के टिकट पर उतरने की तैयारी कर रहे हैं। हालांकि, अभी तक न तो मिश्री लाल यादव और न ही RJD की तरफ से इस पर आधिकारिक बयान आया है।
तेजस्वी यादव के सरकारी आवास के बाहर देखा गया
सूत्रों के मुताबिक, हाल ही में पटना में मिश्री लाल यादव को तेजस्वी यादव के सरकारी आवास के बाहर देखा गया। बताया जा रहा है कि वे मुलाकात की कोशिश में थे, लेकिन खुद गाड़ी में बैठे रहे। इसी दौरान उनके बेटे आवास के अंदर पहुंचे और सुरक्षा कर्मियों से बातचीत की। मीडिया को देखते ही मिश्री लाल यादव वहां से रवाना हो गए।
राजनीतिक कयासबाज़ी तेज
यह पहला मौका नहीं है जब मिश्री लाल यादव को लेकर राजनीतिक अटकलें लगी हों। दरभंगा के अलीनगर विधानसभा से बीजेपी विधायक मिश्री लाल यादव की सदस्यता 20 जून 2025 को समाप्त कर दी गई थी। 27 मई 2025 को विशेष अदालत ने उन्हें पुराने मारपीट के मामले में दो साल की सज़ा सुनाई थी, जिसके बाद विधानसभा सचिवालय ने अधिसूचना जारी कर उनकी विधायकी खत्म कर दी थी।मिश्री लाल यादव ने पटना हाईकोर्ट का रुख किया और 18 जुलाई 2025 को हाईकोर्ट ने निचली अदालत का आदेश निरस्त कर दिया। इस आधार पर उनकी विधानसभा सदस्यता फिर से बहाल कर दी गई।
जेल की हवा भी खा चुके हैं विधायक
29 जनवरी 2019 को रैयाम थाना क्षेत्र के समैला गांव में मारपीट और पैसे छीनने के मामले में मिश्री लाल यादव और उनके साथी सुरेश यादव को न्यायिक हिरासत में भेजा गया था। पीड़ित उमेश मिश्र ने 30 जनवरी 2019 को एफआईआर दर्ज कराई थी।अब देखना दिलचस्प होगा कि मिश्री लाल यादव बीजेपी में बने रहते हैं या सचमुच RJD के टिकट पर सियासी बाज़ी खेलने की तैयारी में हैं।