दोहरे EPIC मामले में डिप्टी सीएम विजय सिन्हा का तेजस्वी यादव पर पलटवार, कहा-यह प्रशासनिक त्रुटि.. फर्जीवाड़ा नहीं

बिहार के उपमुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा पर राजद नेता और पूर्व डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने दोहरे EPIC और उम्र में हेरफेर का सनसनीखेज आरोप लगाया है। तेजस्वी ने दावा किया कि सिन्हा का नाम लखीसराय (EPIC: IAF3939337, उम्र 57) और बांकीपुर, पटना (EPIC: AFS0853341, उम्र 60) दोनों जगह की मतदाता सूची में मौजूद है। उन्होंने चुनाव आयोग की विश्वसनीयता पर भी सवाल....

दोहरे EPIC मामले में डिप्टी सीएम विजय सिन्हा का तेजस्वी यादव पर पलटवार, कहा-यह प्रशासनिक त्रुटि.. फर्जीवाड़ा नहीं

बिहार के उपमुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा पर राजद नेता और पूर्व डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने दोहरे EPIC और उम्र में हेरफेर का सनसनीखेज आरोप लगाया है। तेजस्वी ने दावा किया कि सिन्हा का नाम लखीसराय (EPIC: IAF3939337, उम्र 57) और बांकीपुर, पटना (EPIC: AFS0853341, उम्र 60) दोनों जगह की मतदाता सूची में मौजूद है। उन्होंने चुनाव आयोग की विश्वसनीयता पर भी सवाल उठाए।

विजय सिन्हा की सफाई
हालांकि, इसके जवाब में विजय सिन्हा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर अपनी सफाई पेश की। विजय सिन्हा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि उनका परिवार पहले बांकीपुर, पटना की मतदाता सूची में दर्ज था। अप्रैल 2024 में उन्होंने लखीसराय में अपना नाम जोड़ने के लिए आवेदन किया और बांकीपुर से नाम हटाने का फॉर्म भी भरा लेकिन तकनीकी कारणों से नाम हट नहीं पाया। विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) के बाद ड्राफ्ट मतदाता सूची में दोहरे नाम का पता चलने पर 5 अगस्त 2024 को बूथ लेवल ऑफिसर (BLO) के जरिए फिर से नाम हटाने का आवेदन किया। उन्होंने इस आवेदन की रसीद भी मीडिया को दिखाई।

तेजस्वी के आरोपों पर पलटवार
दो EPIC में उम्र (57 और 60 वर्ष) के अंतर के आरोप पर विजय सिन्हा ने कहा कि यह गलती सुधारने के लिए आवेदन पहले ही किया जा चुका है। उन्होंने दावा किया कि उनकी सही उम्र प्रमाणपत्र के अनुसार दर्ज है और त्रुटि सुधार की प्रक्रिया एक महीने में पूरी हो जाएगी।तेजस्वी यादव के आरोपों को उन्होंने ‘जंगलराज की संस्कृति’ बताते हुए कहा कि राजद नेता संवैधानिक पद का दुरुपयोग कर रहे हैं। उन्होंने पलटवार करते हुए कहा कि तेजस्वी के कुनबे पर भी ‘बूथ से जिन्न निकालने’ के आरोप लगते रहे हैं, जबकि भाजपा ऐसी संस्कृति में विश्वास नहीं रखती।डिप्टी सीएमने जोर देकर कहा कि उनकी ओर से कोई फर्जीवाड़ा नहीं हुआ और यह केवल प्रशासनिक त्रुटि है, जिसे सुधारा जा रहा है।

चुनावी पारदर्शिता पर बहस
यह मामला जनप्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 17 और 18 के उल्लंघन से जुड़ा है जो दोहरे मतदाता पंजीकरण को गैरकानूनी मानता है। यह विवाद मतदाता सूची की पारदर्शिता और चुनाव आयोग की प्रक्रिया पर सवाल उठाता है। जानकारों का कहना है कि ऐसी त्रुटियां तकनीकी हो सकती हैं, लेकिन इनका समय पर सुधार जरूरी है।बहरहाल, इस विवाद ने बिहार में चुनावी प्रक्रिया की विश्वसनीयता को लेकर जनता में बहस छेड़ दिया है।