सुप्रीम कोर्ट के अल्टीमेटम के बाद फरार चल रहे आईपीएस आदित्य कुमार ने किया सरेंडर, DGP को फर्जी चीफ जस्टिस से कराया था फ़ोन
PATNA : बिहार के निलंबित आईपीएस अफसर आदित्य कुमार ने आखिरकार सरेंडर कर दिया है. वह तकरीबन 1 साल से फरार थे आदित्य कुमार ने का सरेंडर करने का फैसला तब लिया, जब सुप्रीम कोर्ट में उनकी अग्रिम जमानत याचिका खारिज हो गई. आर्थिक अपराध इकाई की विशेष न्यायिक दंडाधिकारी सारिका वहालिया ने उनकी नियमित जमानत खारिज कर दी और न्यायिक हिरासत में लेते हुए. उन्हें 14 दिनों के लिए बेउर जेल भेज दिया है.
वही, आरोपित आईपीएस अधिकारी आदित्य कुमार ने पटना के आर्थिक अपराध इकाई के विशेष कोर्ट में आत्मसमर्ण कर अपनी नियमित जमानत अर्जी दायर की. जिसके बाद आर्थिक अपराध इकाई के लोक अभियोजक ने उनकी नियमित जमानत अर्जी का पुरजोर विरोध किया. दोनों पक्षों की बहस सुनने के विशेष न्यायिक दंडाधिकारी ने आदित्य कुमार की नियमित जमानत अर्जी खारिज कर दी. आईपीएस अधिकारी आदित्य कुमार पर कई गंभीर आरोप लगे हैं. इनपर पटना हाईकोर्ट के तत्कालीन मुख्य न्यायाधीश संजय करौल के नाम पर बिहार के डीजीपी रहे एसके सिंघल को फोन कराने का मामला भी शामिल हैं. इस मामले में उनपर अपने साथी अभिषेक अग्रवाल के साथ मिलकर पूरी साजिश रचने का आरोप है. आदित्य कुमार ने अपने उपर चल रहे मामले को रफादफा कराने के लिए अभिषेक अग्रवाल से हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश के नाम पर डीजीपी को कॉल कराया था.
मामले के खुलासे के बाद ईओयू में 16 अक्टूबर 2022 को प्राथमिकी दर्ज की गई. इस मामले में अभिषेक अग्रवाल को गिरफ्तार किया गया था. हालांकि मामला दर्ज होने के बाद से ही आदित्य कुमार फरार थे. इस मामले में उनके खिलाफ गैर जमानतीय वारंट जारी था. उनकी अग्रीम जमानत अर्जी को सेसन कोर्ट और पटना हाईकोर्ट से खारिज हो चुकी है.
REPORT – KUMAR DEVANSHU