अररिया के रानीगंज के मजदूर को ठेकेदार द्वारा बेंगलुरु भेजे जाने के बाद उसकी संदेहास्पद स्थित में मौत , घर में मचा कोहराम

अररिया के रानीगंज के मजदूर को ठेकेदार द्वारा बेंगलुरु भेजे जाने के बाद उसकी संदेहास्पद स्थित में मौत , घर में मचा कोहराम

पटना डेस्क : रानीगंज के एक मजदूर को ठेकेदार द्वारा बेंगलुरु भेजे जाने के बाद उसकी वहां संदेहास्पद स्थित में मौत हो गई। हालांकि मौत के कारणों का अभी तक पता नहीं चल पाया है लेकिन उसकी मौत से परिवार में मातम का माहौल बना हुआ है। 4 छोटे बच्चे पत्नी और बूढ़े मां बाप का अब कौन करेगा पालन पोषण इसको लेकर वहां के लोग चिंतित हैं।

दरअसल रानीगंज के मझूआ पश्चिम पंचायत के बड़हरा पिपरा पांतिटोला वार्ड नंबर 7 के 40 वर्षीय उमेश ऋषिदेव पिता कलरू ऋषिदेव को मजदूरों के ठेकेदार ने मजदूरी के लिए कर्नाटका राज्य के बैंगलुरु भेजा था। जहां गरपलिया के महादेवपुरा थाना क्षेत्र के एचपी कंपनी में उमेश ऋषिदेव मजदूरी करता था। पिछले 25 जुलाई को संदेहास्पद स्थित में उमेश की मौत हो गई। जैसे ही उसके मौत की खबर घरवालों को मिली घर में कोहराम मच गया। मौत इतनी दूर हुई थी कि उसका चेहरा तक देखना घर वालों को नसीब नहीं हो पाया।

कर्नाटका पुलिस ने पोस्टमार्टम कराकर शव को उनके साथियों को सौंप दिया, जहां उनका दाह संस्कार भी कर दिया गया। बैंगलुरु से वापस लौटे उसी गांव के रणधीर कुमार ने वहां की सारी जानकारी दी। उन्होंने बताया कि सहरसा जिले के महेशी थाना क्षेत्र में पड़ने वाले कन्दाहा गांव के मजदूरों के ठेकेदार विनय सिंह ने उमेश ऋषिदेव को बैंगलुरू एचपी कंपनी में साफसफाई के काम के लिए कुछ महीने पहले भेजा था जहां 25 जुलाई को उनकी मौत हो गई। इसकी सूचना ठेकेदार विनय सिंह को दीगई तो उन्होंने बताया कि मृतक के परिजन को डेढ़ लाख रुपया दिया जाएगा। उसने पचास हजार रुपये मृतक उमेश की पत्नी अनिता देवी के खाते में भेज भी दी। उस रुपये से बैंगलोर से लाई गई अस्थि का संस्कार आठ वर्षीय बेटे सौरभ कुमार से कराया गया। जब पत्नी ने और रुपये ठेकेदार विनय सिंह से मांगा तो अब वो देने से इनकार कर रहा है।


इस बात की जानकारी मिलते ही उस क्षेत्र के जिला परिषद सदस्य सह शिक्षा समिति के अध्यक्ष अमन राज पीड़ित परिवार से मिलने पहुंचे और परिवार को सांत्वना दी और भरोसा दिलाया कि ठेकेदार से बचे रुपयों को दिलावाने की कोशिश करूंगा। उन्होंने इस बात की भी जानकारी परिवार वालों से ली कि क्या उनका जॉब कार्ड बना हुआ है कि नहीं। मृतक की पत्नी ने बताया कि जॉब कार्ड भी है लेकिन यहां काम नहीं मिलने के कारण प्रदेश जाना पड़ता है। जीप सदस्य अमन राज ने बताया कि मिली जानकारी के अनुसार रानीगंज क्षेत्र से हजारों लोग परिवार को छोड़कर मजदूरों के दलाल के चंगुल में फंसकर प्रदेश मजदूरी के लिए जाते हैं। सिर्फ बड़हरा के इस टोला के चालीस से पचास लोग बाहर गए हुए हैं। उन्होंने बताया कि यहां इन लोगों को कोई काम नहीं मिलता इस वजह से यह लोग इतनी दूर रोजी रोटी के लिए जाते हैं। अब कोशिश यह होगा कि उमेश के परिवार को जिला से भी कुछ मदद मिल पाए इसके लिए हम लोग प्रयासरत हैं। 

रिपोर्ट : कुमार कौशिक / मुर्शिद रजा