जोधपुर थाने में वकील के साथ दुर्व्यवहार, वायरल वीडियो पर हाईकोर्ट सख्त—SHO व रीडर सस्पेंड
जोधपुर के कुड़ी भगतासनी पुलिस थाने में अधिवक्ताओं के साथ हुई धक्का-मुक्की और बदसलूकी ने सोमवार देर रात शहर में बड़ा बवाल खड़ा कर दिया।एक वीडियो के वायरल होते ही मामला सीधे राजस्थान हाईकोर्ट तक पहुँच गया… और अदालत ने इस पूरे घटनाक्रम को अत्यंत शर्मनाक, अमर्यादित, और कानून....
जोधपुर के कुड़ी भगतासनी पुलिस थाने में अधिवक्ताओं के साथ हुई धक्का-मुक्की और बदसलूकी ने सोमवार देर रात शहर में बड़ा बवाल खड़ा कर दिया।एक वीडियो के वायरल होते ही मामला सीधे राजस्थान हाईकोर्ट तक पहुँच गया… और अदालत ने इस पूरे घटनाक्रम को अत्यंत शर्मनाक, अमर्यादित, और कानून के खिलाफ बताया।
अवैध रूप से पीड़िता का बयान लिया गया
बता दें कि सोमवार देर रात, वरिष्ठ अधिवक्ता भरत सिंह राठौड़ और उनकी पत्नी—जो स्वयं हाईकोर्ट की अधिवक्ता हैं—एक रेप पीड़िता को लेकर बयान दर्ज कराने कुड़ी थाने पहुँचे थे लेकिन आरोप है कि थाने में न सिर्फ घोर लापरवाही हुई, बल्कि एक सिविल ड्रेस में व्यक्ति द्वारा अवैध रूप से पीड़िता का बयान लिया जा रहा था। जैसे ही अधिवक्ता ने विरोध किया… एसएचओ हमीर सिंह भाटी भड़क गया। वीडियो में साफ देखा गया—अधिवक्ता को धक्का दिया गया, कमरे में बंद कर दिया गया। उधर, एक महिला कांस्टेबल ने अधिवक्ता की पत्नी को जबरन हटाने की कोशिश की। यह पूरा वीडियो सोशल मीडिया पर आग की तरह फैल गया… और शहर में तनाव भड़क उठा।
एसएचओ के पुतले जलाए गए
वीडियो सामने आते ही बड़ी संख्या में अधिवक्ता थाने के बाहर जमा होने लगे।राजस्थान हाईकोर्ट एडवोकेट्स एसोसिएशन और लॉयर्स एसोसिएशन ने रातों-रात स्वैच्छिक न्यायिक कार्य बहिष्कार की घोषणा कर दी।एसएचओ के पुतले जलाए गए, निलंबन की मांग तेज होती गई। सुबह होते-होते विरोध उग्र हो चुका था। सुबह 10:30 बजे वरिष्ठ अधिवक्ताओं ने कोर्ट में इस मुद्दे की तत्काल सुनवाई की मांग की। कोर्ट ने तत्काल कड़े तेवर दिखाए और पुलिस कमिश्नर ओमप्रकाश, डीसीपी वेस्ट विनीत बंसल को 11:15 बजे तक व्यक्तिगत रूप से पेश होने का आदेश दिया।
वायरल वीडियो कोर्ट में चलाया गया
11:30 बजे जब सुनवाई दोबारा शुरू हुई—पुलिस अधिकारी मौजूद थे। वायरल वीडियो कोर्ट में चलाया गया… और अदालत सख्त हो गई।ऐक्टिंग चीफ जस्टिस संजीव प्रकाश शर्मा और जस्टिस बलजिंदर सिंह संधू ने कहा पुलिस की कठोरता अपराधियों तक सीमित होनी चाहिए, अधिवक्ताओं पर नहीं।”अदालत ने याद दिलाया कि 2019 में पुलिस–अधिवक्ता–न्यायपालिका समन्वय समितियाँ बनाने का आदेश दिया गया था, पर जोधपुर में यह सक्रिय नहीं है।
कोर्ट ने इसे गंभीर लापरवाही माना।
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अगली सुनवाई 8 दिसंबर 2025 तय की है
कोर्ट ने पुलिस कमिश्नर को शाम तक विस्तृत रिपोर्ट देने और दोषियों पर सख्त कार्रवाई का आदेश दिया।शुरुआत में कोई कदम नहीं उठने से अधिवक्ताओं में नाराज़गी और बढ़ गई।बार एसोसिएशन पदाधिकारियों ने दोबारा चीफ जस्टिस से मुलाकात की।आख़िरकार दोपहर ढाई बजे एसएचओ हमीर सिंह भाटी
और रीडर नरेंद्र सिंह दोनों के निलंबन के आदेश जारी किए गए। इसके बाद अधिवक्ताओं ने अपना बहिष्कार वापस ले लिया और माहौल शांत हुआ।हाईकोर्ट ने इस मामले को स्वप्रेरणा से जनहित याचिका के रूप में दर्ज करते हुए अगली सुनवाई 8 दिसंबर 2025 तय की है।अदालत ने स्पष्ट किया है कि पुलिस और अधिवक्ता दोनों ही न्याय व्यवस्था के अहम स्तंभ हैं, और उनके बीच सम्मान, संवाद और संतुलन बना रहना अनिवार्य है।













