बेटी का कन्यादान कर भावुक हुए मंत्री मंगल पांडेय, कहा -वर्षों पुरानी इच्छा हुई पूरी,विपक्ष बोला- शुभ लग्न नहीं था
बिहार के स्वास्थ्य एवं विधि मंत्री मंगल पांडेय ने सामाजिक सौहार्द और मानवीय मूल्यों की मिसाल पेश करते हुए सिवान जिले के आंदर प्रखंड के पातार गांव में एक गरीब परिवार की बेटी का कन्यादान किया। यह अवसर उन्हें वीरेंद्र राम और श्रीकांति देवी ने दिया, जिन्होंने अपनी बेटी मीरा कुमारी के कन्यादान का सौभाग्य मंत्री को सौंपा। गुरुवार को हुए इस शादी समारोह में मंगल पांडेय ने भावुक होकर कहा —मेरी कोई बेटी नहीं है। वर्षों से इच्छा थी कि किसी लड़की का कन्यादान करूं, क्योंकि हिंदू धर्म में यह ...

बिहार के स्वास्थ्य एवं विधि मंत्री मंगल पांडेय ने सामाजिक सौहार्द और मानवीय मूल्यों की मिसाल पेश करते हुए सिवान जिले के आंदर प्रखंड के पातार गांव में एक गरीब परिवार की बेटी का कन्यादान किया। यह अवसर उन्हें वीरेंद्र राम और श्रीकांति देवी ने दिया, जिन्होंने अपनी बेटी मीरा कुमारी के कन्यादान का सौभाग्य मंत्री को सौंपा। गुरुवार को हुए इस शादी समारोह में मंगल पांडेय ने भावुक होकर कहा —मेरी कोई बेटी नहीं है। वर्षों से इच्छा थी कि किसी लड़की का कन्यादान करूं, क्योंकि हिंदू धर्म में यह एक अच्छा काम माना गया है। आज भगवान ने मेरी यह इच्छा पूरी की।उन्होंने कहा कि यह न सिर्फ उनका सौभाग्य है, बल्कि यह समाज के लिए भी एक संदेश है कि जाति या वर्ग से ऊपर उठकर हम सब एक-दूसरे के सुख-दुख में साथ दें।
शादी का आयोजन और मेहमान
इस खास मौके पर दूल्हा रितेश कुमार, जो सोनकरा गांव निवासी राजेंद्र राम और उर्मिला देवी के पुत्र हैं, ने मीरा कुमारी के साथ सात फेरे लिए। समारोह में मंगल पांडेय अपने पूरे परिवार के साथ मौजूद रहे और परंपरागत रीति-रिवाज से कन्यादान किया। शादी में बिहार सरकार के कई मंत्री और वरिष्ठ अधिकारी भी शामिल हुए, जिनमें अनुसूचित जाति एवं जनजाति कल्याण मंत्री जनक राम, भवन निर्माण मंत्री अशोक चौधरी, सिवान के जिलाधिकारी डॉ. आदित्य प्रकाश, पुलिस अधीक्षक मनोज कुमार तिवारी समेत कई जिला और प्रखंड स्तरीय अधिकारी मौजूद थे।
विपक्ष की प्रतिक्रिया
इस पहल की जहां सामाजिक स्तर पर व्यापक सराहना हो रही है, वहीं विपक्ष ने सवाल भी उठाए हैं। कुछ नेताओं ने तंज कसा कि अभी कौन सी लग्न चल रही है, जो मंत्री जी ने शादी करवा दी? मंत्री खुद ब्राह्मण हैं और जानते हैं कि शादी का एक शुभ समय होता है, फिर यह जल्दी किस बात की थी कि बिना शुभ समय के शादी कर दी गई?हालांकि, इस पर अब तक मंत्री की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है। स्थानीय लोगों और आम जनता ने इसे समाज में एकता और आपसी भाईचारे को बढ़ावा देने वाला कदम बताया है।