शारदीय नवरात्र 2025: पहले दिन माता शैलपुत्री की भव्य पूजा, पटना के पटन देवी मंदिर में उमड़ी भक्तों की भीड़

आज से पूरे देश में शारदीय नवरात्र की शुरुआत हो गई है। नवरात्रि के पहले दिन, माता दुर्गा के प्रथम स्वरूप माता शैलपुत्री की पूजा की जा रही है। बिहार के सभी देवी मंदिरों में सुबह से भक्तों की भीड़ उमड़ रही है।वहीं पटना के प्रसिद्ध पटन देवी मंदिर के बाहर भी भक्तों की लंबी कतार देखी जा रही है। मंदिर आने वाले रास्तों को रंग-बिरंगे फूलों और पारंपरिक सजावट से सजाया गया है। इस बार नवरात्रि 10 दिन की है, क्योंकि पूरे 9 साल बाद चतुर्थी तिथि दो दिन की होने से ....

शारदीय नवरात्र 2025: पहले दिन माता शैलपुत्री की भव्य पूजा, पटना के पटन देवी मंदिर में उमड़ी भक्तों की भीड़

आज से पूरे देश में शारदीय नवरात्र की शुरुआत हो गई है। नवरात्रि के पहले दिन, माता दुर्गा के प्रथम स्वरूप माता शैलपुत्री की पूजा की जा रही है। बिहार के सभी देवी मंदिरों में सुबह से भक्तों की भीड़ उमड़ रही है।वहीं पटना के प्रसिद्ध पटन देवी मंदिर के बाहर भी भक्तों की लंबी कतार देखी जा रही है। मंदिर आने वाले रास्तों को रंग-बिरंगे फूलों और पारंपरिक सजावट से सजाया गया है। इस बार नवरात्रि 10 दिन की है, क्योंकि पूरे 9 साल बाद चतुर्थी तिथि दो दिन की होने से देवी माता की उपासना पूरे दस दिन तक होगी। इससे पहले 2016 में भी नवरात्रि 10 दिनों की थी।

माता शैलपुत्री का महत्व
बता दें कि शारदीय नवरात्र के पहले दिन माता शैलपुत्री की पूजा की जाती है। इस वर्ष, गजकेसरी, बुधादित्य, शुक्ल, ब्रह्म योग और भद्र राजयोग में माता दुर्गा का आगमन हाथी पर हो रहा है।देवी भागवत पुराण के अनुसार, माता का हाथी पर आगमन शुभ, समृद्धि और आर्थिक उन्नति लाने वाला माना गया है। यही वजह है कि इस बार नवरात्रि और भी विशेष और शुभ मानी जा रही है। बता दें कि  शारदीय नवरात्र के नौ दिनों में देवी के अलग-अलग स्वरूपों में शैलपुत्री, ब्रह्मचारिणी, चंद्रघंटा, कुष्मांडा, स्कंदमाता, कात्यायनी, कालरात्रि, महागौरी, सिद्धिदात्री की पूजा-उपासना करने से श्रद्धालु के जीवन का उद्धार, शक्ति की प्राप्ति होती है।

 मां शैलपुत्री की पूजा 
बता दें कि शारदीय नवरात्र के पहले दिन कलश स्थापना के साथ ही मां शैलपुत्री की पूजा होती है। वहीं, नवरात्र के दौरान चतुर्थी तिथि दो दिन होने से कुष्मांडा माता की पूजा दो दिन होगी। आश्विन मास के शुक्लपक्ष की चतुर्थी दो दिन 25 और 26 सितंबर को रहेगा। इसलिए इस बार शारदीय नवरात्र दस दिन का हो गया है। वहीं, महाष्टमी 30 सितंबर को और महानवमी का व्रत एवं पूजन 1 अक्टूबर बुधवार होगा।

पटनदेवी मंदिर में सुबह से भक्तों की भीड़ 
वहीं नवरात्री के पहले दिन राज्य के सभी देवी मंदिरों समेत पटना के पटनदेवी मंदिर में सुबह से भक्तों की भीड़ दिखाई दे रही है। बता दें कि पटना की बड़ी पटन देवी मंदिर भारत के 51 शक्तिपीठों में से एक है। यहां देवी सती की दाहिनी जंघा गिरी थी। इस मंदिर में काले पत्थर से बनी महालक्ष्मी, महासरस्वती और महाकाली की मूर्तियां स्थापित है। इन मूर्तियों को सतयुग का बना माना जाता है। वहीं पटन देवी मंदिर के योनी हवन कुंड को लेकर मान्यता है कि यह हवन कुंड माता सती का पाताल लोक से सीधा संबंध स्थापित करता है। यही कारण है कि इस हवन कुंड में डाली गई सामग्री सीधे पाताल लोक में चली जाती है।मान्यता है कि यह मंदिर पटना शहर की रक्षा करता है, इसीलिए इसे रक्षिका भगवती पटनेश्वरी के नाम से भी जाना जाता है। 1912 में पटन देवी के नाम पर ही बिहार की राजधानी का नाम पटना रखा गया था।

नवरात्रि में इन देवियों की होगी पूजा
*22 सितंबर प्रतिपदा तिथि: मां शैलपुत्री
*23 सितंबर द्वितीया तिथि: मां ब्रह्मचारिणी
*24 सितंबर तृतीया तिथि: मां चंद्रघंटा
*25 सितंबर चतुर्थी तिथि: मां कूष्माण्डा
*26 सितंबर चतुर्थी तिथि: मां कूष्माण्डा
*27 सितंबर पंचमी तिथि: मां स्कंदमाता
*28 सितंबर षष्ठी तिथि: मां कात्यायनी
*29 सितंबर सप्तमी तिथि: मां कालरात्रि
*30 सितंबर अष्टमी तिथि: मां महागौरी
*1 अक्टूबर नवमी तिथि: मां सिद्धिदात्री
*2 अक्टूबर दशमी तिथि: विजयादशमी