शिल्पी गौतम केस: सीबीआई जांच, सवाल और सम्राट चौधरी की भूमिका,प्रशांत किशोर ने खोला राज़

बिहार की राजनीति में एक बार फिर भूचाल मच गया है। चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी पर गंभीर आरोप लगाए हैं। यह विवाद शिल्पी गौतम रेप और मर्डर केस से जुड़ा है, जो साल 1999 का हाई-प्रोफाइल मामला माना जाता है।इस मर्डर केस में अब तक साधु यादव पर बात होती थी, लेकिन इस बार बहस के केंद्र में है बिहार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी.....

शिल्पी गौतम केस: सीबीआई जांच, सवाल और सम्राट चौधरी की भूमिका,प्रशांत किशोर ने खोला राज़

बिहार की राजनीति में एक बार फिर भूचाल मच गया है। चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी पर गंभीर आरोप लगाए हैं। यह विवाद शिल्पी गौतम रेप और मर्डर केस से जुड़ा है, जो साल 1999 का हाई-प्रोफाइल मामला माना जाता है।इस मर्डर केस में अब तक साधु यादव पर बात होती थी, लेकिन इस बार बहस के केंद्र में है बिहार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी हैं।

प्रशांत किशोर ने उठाए कई सवाल
बिहार में बॉबी हत्याकांड के बाद सबसे बड़ा पॉलिटिकल मर्डर मिस्ट्री शिल्पी गौतम हत्यकांड ही है।  इस मामले में लालू प्रसाद के साले साधु यादव समेत कई लोगों को आरोपित बनाया गया, जिसमें एक सम्राट चौधरी भी थे। प्रशांत किशोर ने कहा कि शिल्पी गौतम रेप और मर्डर केस के समय कई सवाल उठे थे। उन्होंने पूछा कि क्या उस केस में सम्राट चौधरी अभियुक्त के तौर पर संदिग्ध थे या नहीं? क्या उस मामले में सीबीआई जांच हुई थी या नहीं? क्या उनका सैंपल लिया गया था या नहीं? किशोर का आरोप है कि उस केस में सम्राट चौधरी की भूमिका को लेकर अब भी सवाल बने हुए हैं।

 सबसे सनसनीखेज और हाई-प्रोफाइल मामला
बता दें कि साल 1999 का यह केस बिहार की राजनीति का सबसे सनसनीखेज और हाई-प्रोफाइल मामला माना जाता है। 3 जुलाई 1999 को पटना के एक सरकारी क्वार्टर के गैराज में सफेद मारुति कार से दो लाशें बरामद हुई। दोनों लाशें अर्धनग्न हालत में थी और वो दोनों लाशें किसी और कि नहीं बल्की शिल्पी और गौतम के थे।
शिल्पी जैन उस वक्त 23 साल की थीं। वह पटना वीमेंस कॉलेज की होनहार छात्रा थीं और ‘मिस पटना’ का खिताब जीत चुकी थीं। शिल्पी अपने करियर की तैयारी में लगी थीं।उनके पिता उज्जवल कुमार जैन शहर के बड़े कपड़ा कारोबारी थे। 

अपराध का अड्डा वाल्मी गेस्ट हाउस
दूसरी ओर गौतम सिंह एनआरआई परिवार के बेटे थे। उनके पिता ब्रिटेन में डॉक्टर थे और गौतम राजनीति में रुचि रखते थे, इसलिए वे बिहार में रहते थे। उनका परिवार ज्यादातर ब्रिटेन में था। गौतम राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) की युवा शाखा से जुड़े थे और कई सत्ताधारी नेताओं से उनकी दोस्ती थी। शिल्पी और गौतम दोनों अच्छे दोस्त थे।दरअसल  3 जुलाई 1999 की सुबह शिल्पी रोज की तरह रिक्शे से अपने कंप्यूटर कोचिंग इंस्टीट्यूट जा रही थीं। रास्ते में गौतम का एक दोस्त मिला और उसने शिल्पी को कार में बैठने के लिए कहा। शिल्पी उस लड़के को गौतम के रिश्ते से जानती थीं। लिहाजा बिना शक के कार में बैठ गईं लेकिन कुछ दूर जाने के बाद कार ने कोचिंग की बजाय एक अजनबी रास्ते की ओर मोड़ लिया। शिल्पी के पूछने पर  ड्राइवर ने बताया कि वे ‘वाल्मी गेस्ट हाउस’ जा रहे हैं, जहां गौतम उनका इंतजार कर रहे हैं। 

दोनों की हत्या
जैसे ही गौतम को पता चला कि शिल्पी को वाल्मी गेस्ट हाउस में ले जाया गया है, वह तुरंत मौके पर पहुंचे। वहां उन्हें देखकर शिल्पी उनसे लिपट गईं, लेकिन हमलावरों ने दोनों पर हमला किया और गौतम की हत्या कर दी। इसके बाद पुलिस को सूचना मिली कि गांधी मैदान के क्वार्टर नंबर 12 में, जो उस समय बाहुबली नेता साधु यादव का था, एक गैराज में दो लाशें मिली हैं। लाशें अर्धनग्न अवस्था में थीं, शिल्पी पर केवल गौतम की टी-शर्ट और गौतम बिना कपड़ों के थे। यह दृश्य देखकर पुलिस भी हैरान रह गई।

परिवार ने न्याय की मांग की
बता दें कि उस समय पुलिस ने मामले को जल्दी में आत्महत्या बताकर बंद करने की कोशिश की, लेकिन शिल्पी के परिवार ने न्याय की मांग की। भारी दबाव के बाद केस सीबीआई को सौंपा गया। जांच में बलात्कार की पुष्टि हुई और साधु यादव समेत कई लोगों से डीएनए सैंपल मांगे गए, लेकिन कुछ ने देने से इनकार किया। साल 2003 में सीबीआई ने इस मामले को फिर से बंद कर दिया। आज, प्रशांत किशोर के आरोपों के बाद यह मामला फिर से सुर्खियों में है। बिहार की राजनीति में हलचल मची हुई है और जनता की निगाहें न्यायिक प्रक्रिया पर टिकी हुई हैं। शिल्पी और गौतम के परिवार को अब तक न्याय नहीं मिला है, लेकिन यह खुलासा इस मर्डर मिस्ट्री को फिर से ताजा कर गया है।