बेतिया में CM नीतीश के कार्यक्रम में नारेबाजी और हंगामा,एंट्री नहीं मिलने पर भड़के लोग; बोले-हमें ऐसा मुख्यमंत्री बिहार में नहीं चाहिए

बेतिया में मंगलवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के कार्यकर्ता संवाद कार्यक्रम के दौरान हंगामा देखने को मिला। कार्यक्रम का उद्देश्य कार्यकर्ताओं और आम जनता से सीधे जुड़ना था, वहीं कई समूहों ने अपनी मांगें मुख्यमंत्री तक पहुंचाने की कोशिश की।विशेष रूप से पशु मैत्री और टीकाकर्मी कार्यक्रम में शामिल हुए, जो लंबे समय से अपने मानदेय की मांग कर रहे हैं।मुख्यमंत्री से सीधी बातचीत की उम्मीद लिए जब कर्मचारी कार्यक्रम स्थल पर पहुंचे, तो उन्हें प्रवेश की अनुमति नहीं दी गई। इसके बाद गुस्से में नारेबाजी और विरोध प्रदर्शन....

बेतिया में CM नीतीश के कार्यक्रम में नारेबाजी और हंगामा,एंट्री नहीं मिलने पर भड़के लोग; बोले-हमें ऐसा मुख्यमंत्री बिहार में नहीं चाहिए

बेतिया में मंगलवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के कार्यकर्ता संवाद कार्यक्रम के दौरान हंगामा देखने को मिला। कार्यक्रम का उद्देश्य कार्यकर्ताओं और आम जनता से सीधे जुड़ना था, वहीं कई समूहों ने अपनी मांगें मुख्यमंत्री तक पहुंचाने की कोशिश की।विशेष रूप से पशु मैत्री और टीकाकर्मी कार्यक्रम में शामिल हुए, जो लंबे समय से अपने मानदेय की मांग कर रहे हैं।मुख्यमंत्री से सीधी बातचीत की उम्मीद लिए जब कर्मचारी कार्यक्रम स्थल पर पहुंचे, तो उन्हें प्रवेश की अनुमति नहीं दी गई। इसके बाद गुस्से में नारेबाजी और विरोध प्रदर्शन शुरू हो गया।

कार्यक्रम में विरोध प्रदर्शन
हंगामा कर रहे लोगों का कहना था “हम सुबह से मुख्यमंत्री से मिलने के लिए खड़े थे। वो आए और सीधे अंदर चले गए। VIP लोगों को टिकट देकर एंट्री दी जा रही है। हमें धक्के देकर भगा दिया गया।'हंगामा कर रही महिला ने कहा, 'मुख्यमंत्री हमारी समस्या नहीं सुनेंगे तो हम उन्हें वोट क्यों देंगे। हमने किसी का कर्ज नहीं खाया है। मुख्यमंत्री हमें पैसे नहीं देते जो हम हर बार वोट दें। वहीं बैरिया थाने के सोनू कुशवाहा ने कहा, “जब बैठाने की जगह नहीं थी, तो हमें बुलाना ही नहीं चाहिए था। बुलाने के बाद लोगों के साथ गलत व्यवहार किया गया। हमें ऐसा मुख्यमंत्री बिहार में नहीं चाहिए।”CM जब लोगों से मुलाकात ही नहीं करेंगे, उनकी समस्या ही नहीं सुनेंगे तो हम उन्हें वोट क्यो दें। जब कार्यकर्ता संवाद का आयोजन हुआ है, मैं इतनी दूर से आई हूं तो हमें भी अंदर जाने देना चाहिए, हमारी भी बात सुननी चाहिए थी।”

मांग और समस्या
बता दें कि पशु मैत्री और टीकाकर्मी सरकार से नियमित और निश्चित मासिक मानदेय की मांग कर रहे हैं। उनका कहना है कि वर्तमान में उन्हें मानदेय में देरी होती है और राशि कम मिलती है। हंगामे में खास बात यह रही कि विरोध में महिलाओं की संख्या अधिक थी। गौरतलब है कि 21 सितंबर को मुख्यमंत्री तारामंडल उद्घाटन कार्यक्रम में भी विरोध देखने को मिला था। उस दौरान BPSC के असिस्टेंट इंजीनियर अभ्यर्थियों ने मुख्यमंत्री को रोकने की कोशिश की और नारेबाजी की। इस दौरान भी बड़ी संख्या में महिलाएं शामिल थीं।मुख्यमंत्री का काफिला सुरक्षा कारणों से बिना रुके आगे बढ़ गया। इस मौके पर कुछ वेल्ट्रोन के कर्मचारी भी मौजूद थे।