नहीं सजेगा इस बार का सोनपुर मेला, नहीं मिला थिएटर का लाइसेंस, आक्रोश में कारोबारी

नहीं सजेगा इस बार का सोनपुर मेला, नहीं मिला थिएटर का लाइसेंस, आक्रोश में कारोबारी

पटना डेस्क : बिहार के पावन धरती पर लगता है सोनपुर मेला जो कार्तिक पूर्णिमा पर स्नान के बाद शुरू होता है एक समय यह मेला पूरे मध्य एशिया के कारोबारी का गढ़ माना जाता था यहां पशुओं का भी मेला लगता है इतिहास के जानकार बताते हैं कि मौर्य वंश के संस्थापक चंद्रगुप्त मौर्य मुगल सम्राट अकबर और 1857 के गदर के नायक वीर कुंवर सिंह ने भी सोनपुर मेले से हाथियों की खरीददारी की थी.

 

जरा सोचिए, ऐसे ऐतिहासिक मेले का इस वर्ष क्या हश्र हो रहा है ? तो आपको बताते दे, कि इस मेले में देश-विदेश के लोग पशु खरीदने आते थे. और उनके मनोरंजन के लिए यहां ड्रामा-नृत्य-सर्कस का आयोजन किया जाता था जो बाद में थिएटर का रूप ले लिया. अब मेले में इस बार 2023 में थिएटर को परमिशन { लाइसेंस } नहीं दिया गया है जिसके कारण पूरे मेले में उदासी छा गई है.कहे तो अब सोनपुर मेला सरकारी योजनाओं के प्रदर्शन का केंद्र मात्र रह गया है.

बतादें कि आज पूरा मेला वीरान पड़ा है. थिएटर चलाने की अनुमति नहीं मिलने से वहां के लोगों में काफी नाराजगी है. इसी की वजह से सोनपुर मेला में सरकारी प्रदर्शनी स्टॉल को छोड़कर सभी स्टॉल को बंद कर दिया गया है. मेला बंद होने से घूमने आए लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. मेला घूमने आए लोग अपने बच्चों के साथ इधर-उधर भटकते हुए नजर आ रहे हैं. सोनपुर मेले में वीडियो और थिएटर संचालकों का कहना है कि थिएटर चलाने की अनुमति नहीं मिलने से इस मेले का मुख्य रौनक ही गायब हो गया. यहां आने वाले लोग मुख्य रूप से थिएटर देखने ही आते हैं और पुरे मेले में रौनक होता है साथ ही दुकानदारों की दुकानदारी चलती है.इस बार सरकार ने थियेटर और सर्कस को लाइसेंस निर्गत नहीं किया तो दुकानदार भी दुखी हैं. बस यही नहीं दूर दराज से आए पर्यटक भी खासे उदास हैं और सरकार का विरोध कर रहे हैं. अब सारे दुकानदार-थियेटर संचालक-पर्यटक मिल गए हैं और विरोध के स्वर फूटने लगे हैं. 

रिपोर्ट : कुमार देवांशु