बेगूसराय एमपी-एमएलए कोर्ट का फैसला: 33 साल पुराने मामले में पूर्व सांसद सूरजभान दोषी, 1 साल की कैद

बिहार के बेगूसराय जिले की एमपी-एमएलए कोर्ट ने मंगलवार को 33 साल पुराने पुलिस पर हमले और फायरिंग के मामले में ऐतिहासिक फैसला सुनाया। विशेष न्यायाधीश संजय कुमार सिंह ने पूर्व सांसद सूरजभान सिंह, भाजपा के पूर्व जिला अध्यक्ष राम लखन सिंह और वीरेंद्र कुमार ईश्वर उर्फ शोषण सिंह को भारतीय दंड विधान की धारा 307, 353, आर्म्स एक्ट की धारा 25(1-बी) ए 26 एवं 27 में अलग-अलग दोषी पाया है। साथ ही दोषी पाए गए आरोपियों को सजा भी सुना दिया।इस मामले में एक ही दिन में दोष सिद्ध एवं सजा ...

बेगूसराय एमपी-एमएलए कोर्ट का फैसला: 33 साल पुराने मामले में पूर्व सांसद सूरजभान दोषी, 1 साल की कैद

बिहार के बेगूसराय जिले की एमपी-एमएलए कोर्ट ने मंगलवार को 33 साल पुराने पुलिस पर हमले और फायरिंग के मामले में ऐतिहासिक फैसला सुनाया। विशेष न्यायाधीश संजय कुमार सिंह ने पूर्व सांसद सूरजभान सिंह, भाजपा के पूर्व जिला अध्यक्ष राम लखन सिंह और वीरेंद्र कुमार ईश्वर उर्फ शोषण सिंह को भारतीय दंड विधान की धारा 307, 353, आर्म्स एक्ट की धारा 25(1-बी) ए 26 एवं 27 में अलग-अलग दोषी पाया है। साथ ही दोषी पाए गए आरोपियों को सजा भी सुना दिया।इस मामले में एक ही दिन में दोष सिद्ध एवं सजा के बिंदु पर सुनवाई की गई। न्यायाधीश ने पूर्व सांसद सूरजभान सिंह को भारतीय दंड विधान की धारा 353 में एक वर्ष की सजा सुनाते हुए एक हजार रुपये अर्थ दंड अदा करने का आदेश दिया।

 1 साल की कैद तथा 1000 रुपये जुर्माना
वहीं, पूर्व सांसद सूरजभान सिंह को केवल आईपीसी की धारा 353 में दोषी पाया गया और उन्हें 1 साल की कैद तथा 1000 रुपये जुर्माने की सजा सुनाई गई। हालांकि सजा एक साल होने के कारण उन्हें जमानत मिल गई।पूर्व सांसद के वकील मंसूर आलम ने जमानत की गुहार लगाई, जिस पर कोर्ट ने मंजूरी दे दी। वहीं कोर्ट ने भाजपा के वरिष्ठ नेता राम लखन सिंह को 4 साल और वीरेंद्र ईश्वर उर्फ शोषण सिंह को 4 साल की सजा दी। 

क्या है पूरा मामला?
यह घटना 9 अक्टूबर 1992 की है। एफसीआई थाना क्षेत्र स्थित एक मोम फैक्ट्री में पुलिस को सूचना मिली थी कि हथियारबंद अपराधी छिपे हुए हैं। जब पुलिस ने वहां छापेमारी की तो बदमाशों ने फायरिंग और हमला कर दिया। इसी दौरान पुलिस ने राम लखन सिंह और वीरेंद्र ईश्वर को गिरफ्तार कर लिया, जबकि सूरजभान सिंह मौके से फरार हो गए थे।उस समय के एएसआई उमाशंकर सिंह ने इस मामले में बरौनी थाना कांड संख्या 406/92 दर्ज कराया था। इस केस में कुल 12 गवाहों की गवाही हुई, जिसमें उस समय के जिलाधिकारी रामेश्वर सिंह ने भी कोर्ट में घटना की पुष्टि की।

तीन दशकों से ज्यादा समय तक चली सुनवाई
कोर्ट ने सजा विवरण में कहा कि राम लखन सिंह और वीरेंद्र ईश्वर को धारा 307 के तहत 4 साल, धारा 353 में 1 साल, आर्म्स एक्ट के तहत 4 साल, धारा 26 में 3 साल और धारा 27 आर्म्स एक्ट में 3 साल की सजा सुनाई गई। पूर्व सांसद सूरजभान सिंह को केवल धारा 353 के तहत 1 साल की सजा दी गई। इस फैसले के साथ ही तीन दशकों से ज्यादा समय तक चली सुनवाई के बाद आखिरकार इस पुराने विवाद का पटाक्षेप हुआ। कोर्ट के फैसले से यह साफ हो गया कि चाहे समय कितना भी लगे, न्याय देर से ही सही लेकिन मिलता जरूर है।