लालू प्रसाद यादव को बड़ा झटका: कोर्ट ने IRCTC मामले में आरोप तय करने का आदेश दिया
IRCTC घोटाले में राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव और उनके परिवार के लिए बड़ी मुश्किलें खड़ी हो गई हैं। दिल्ली के राउज एवेन्यू कोर्ट ने इस बहुचर्चित मामले में लालू यादव और अन्य आरोपियों के खिलाफ आरोप तय करने की अनुमति दे दी है। कोर्ट का यह फैसला बिहार विधानसभा चुनावों के ठीक पहले आया है, जिससे राजनीतिक हलचल तेज.....

बिहार विधानसभा चुनावों से ठीक पहले राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के लिए बड़ी मुश्किल सामने आई है। IRCTC घोटाले में दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव, उनकी पत्नी राबड़ी देवी और बेटे तेजस्वी यादव समेत कुल 14 आरोपियों के खिलाफ आरोप तय कर दिए हैं। कोर्ट के इस फैसले को लालू परिवार के लिए कानूनी और राजनीतिक रूप से एक बड़ा झटका माना जा रहा है। सुनवाई के दौरान कोर्ट ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि घोटाले की साजिश लालू यादव की जानकारी में रची गई थी और इसका सीधा लाभ उनके परिवार को मिला। अदालत ने कहा कि राबड़ी देवी और तेजस्वी यादव को पटना में बहुमूल्य ज़मीनें बेहद कम कीमत पर हस्तांतरित की गईं।आरोप तय करने के बाद दिल्ली की एवेन्यू कोर्ट ने लालू यादव से पूछा कि क्या आप आरोप स्वीकार करते हैं। इस पर लालू यादव ने कहा कि वह आरोपों को स्वीकार नहीं करते हैं।
क्या है IRCTC घोटाला?
बता दें कि यह घोटाला साल 2004 से 2009 के बीच का है, जब लालू यादव रेल मंत्री थे। उस समय IRCTC (भारतीय रेलवे खानपान एवं पर्यटन निगम) ने रांची और पुरी स्थित अपने दो होटलों के संचालन और रखरखाव के लिए टेंडर जारी किए थे।आरोप है कि टेंडर प्रक्रिया में अनियमितता कर, इन होटलों का ठेका सुबोध कुमार सिन्हा की कंपनी सुजाता होटल प्राइवेट लिमिटेड को दिलवाया गया। बदले में, लालू प्रसाद यादव और उनके परिवार को पटना स्थित बेशकीमती ज़मीनें बेहद सस्ते दामों पर ट्रांसफर की गईं।
CBI की चार्जशीट और कोर्ट की मंजूरी
CBI ने इस मामले में अदालत में एक नई चार्जशीट दाखिल की थी, जिसमें घोटाले की पूरी साजिश और ज़मीन ट्रांसफर के सबूत पेश किए गए। अदालत ने चार्जशीट का संज्ञान लेते हुए सभी आरोपियों के खिलाफ आरोप तय करने की अनुमति दी है।कोर्ट ने यह भी कहा कि लालू यादव ने टेंडर प्रक्रिया में हस्तक्षेप किया और यह साबित होता है कि यह पूर्व-नियोजित साजिश थी।आरोप तय होने के दिन लालू यादव, राबड़ी देवी और तेजस्वी यादव तीनों कोर्ट में मौजूद रहे। बिहार में विधानसभा चुनाव का माहौल पहले से ही गर्म है, और ऐसे में इस केस में कोर्ट का फैसला RJD की चुनावी रणनीति को प्रभावित कर सकता है। लालू परिवार को लेकर विपक्ष पहले से हमलावर रहा है, और अब कोर्ट की टिप्पणी के बाद RJD को जनता के सामने सफाई देनी पड़ सकती है।